भारत-पाक तनाव का असर: कश्मीर जाने वाले कम, ट्रेनों में मिल रही कंफर्म सीट

भारत-पाक तनाव का असर: जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों की संख्या में आई कमी, वाराणसी से जम्मू जाने वाली ट्रेनों में अब आसानी से मिल रही हैं कंफर्म सीटें। जानें क्या है पूरा मामला।

भारत-पाक तनाव का असर: कश्मीर जाने वाले कम, ट्रेनों में मिल रही कंफर्म सीट

वाराणसी: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव का सीधा असर अब जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने वाले पर्यटकों पर दिखने लगा है। गर्मियों की छुट्टियों में अक्सर गुलजार रहने वाली कश्मीर घाटी में इस बार पर्यटकों की संख्या में заметная कमी आई है। इसका असर वाराणसी से जम्मू जाने वाली ट्रेनों में साफ दिखाई दे रहा है, जहां अब कुछ दिनों के इंतजार के बाद ही कंफर्म टिकट आसानी से मिल रहे हैं।

आमतौर पर मई और जून के महीनों में वाराणसी से जम्मू जाने वाली प्रमुख ट्रेनों जैसे बेगमपुरा एक्सप्रेस (12237), अर्चना एक्सप्रेस (12355) और हिमगिरी एक्सप्रेस (12331) में लंबी वेटिंग लिस्ट होती थी, जो 150 के आंकड़े को भी पार कर जाती थी। लेकिन इस साल हालात बिल्कुल बदले हुए हैं।

वेटिंग लिस्ट हुई कम, कंफर्म टिकट उपलब्ध:

वाराणसी कैंट स्टेशन के मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षकों के अनुसार, इन सभी प्रमुख ट्रेनों में अब वेटिंग लिस्ट घटकर महज 30-40 के बीच आ गई है। इतना ही नहीं, हफ्ते भर बाद की ट्रेनों के फर्स्ट और सेकेंड एसी कोच में भी अब आसानी से कंफर्म सीटें मिल रही हैं। पहले जहां इन कोचों में टिकट मिलना मुश्किल हुआ करता था, वहीं अब बिना किसी विशेष कोटे के भी सीटें कंफर्म हो रही हैं।

जालंधर तक भीड़, आगे खाली:

हालांकि, ट्रेनों में वाराणसी से जालंधर तक तो अभी भी यात्रियों की कुछ भीड़ देखी जा रही है, लेकिन जालंधर से आगे जम्मू की तरफ जाने वाली बोगियां लगभग खाली चल रही हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़े हुए तनाव के कारण लोग, खासकर परिवार और पर्यटक, जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने से हिचक रहे हैं।

पर्यटन उद्योग पर चिंता की लकीरें:

यह स्थिति न केवल आम यात्रियों के लिए राहत की खबर है, जिन्हें अब आसानी से टिकट मिल रहे हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए एक चिंता का विषय भी है। कश्मीर की अर्थव्यवस्था काफी हद तक गर्मियों के मौसम में आने वाले पर्यटकों पर निर्भर करती है। इस साल पर्यटकों की संख्या में कमी आने से होटल, टैक्सी, शिकारा और अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भी पर्यटकों के बीच डर का माहौल पैदा किया है। ऐसे में, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव इस डर को और बढ़ा रहा है, जिसके चलते लोग अपनी यात्रा योजनाओं को स्थगित करने या रद्द करने पर मजबूर हो रहे हैं।

यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में सीमा पर हालात कैसे रहते हैं और इसका जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर क्या असर पड़ता है। फिलहाल, वाराणसी से जम्मू जाने वाले यात्रियों के लिए ट्रेनों में कंफर्म टिकट की उपलब्धता एक राहत की खबर जरूर है।