"CRPF जवान को पाकिस्तानी महिला से शादी पर बर्खास्तगी, पीएम से लगाई न्याय की गुहार"

"CRPF जवान मुनीर अहमद को पाकिस्तानी महिला से वीडियो कॉल पर निकाह करने और जानकारी छिपाने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। अब उन्होंने पीएम मोदी से न्याय की मांग की है।"

"CRPF जवान को पाकिस्तानी महिला से शादी पर बर्खास्तगी, पीएम से लगाई न्याय की गुहार"

जम्मू: पाकिस्तानी महिला से निकाह की जानकारी छिपाने के आरोप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मुनीर अहमद को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्तगी के एक दिन बाद जवान ने अपना पक्ष सामने रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई है। मुनीर का दावा है कि उन्होंने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की थीं और CRPF मुख्यालय से मंजूरी भी ली थी।


वीडियो कॉल पर पाकिस्तान की मीनल खान से हुआ निकाह

जम्मू के घरोटा इलाके के रहने वाले मुनीर अहमद वर्ष 2017 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उन्होंने 24 मई 2023 को वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान की मीनल खान से निकाह किया था। जवान का कहना है कि उन्होंने दिसंबर 2022 में विवाह की अनुमति के लिए आवेदन किया था, और अप्रैल 2024 में मुख्यालय से लिखित अनुमति भी प्राप्त हुई थी।


CRPF ने बताया 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'

CRPF के अनुसार, मुनीर ने मीनल की वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद उसे भारत में शरण दी और विवाह की जानकारी छिपाई, जो एक गंभीर अनुशासनहीनता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसी आधार पर मुनीर को बल से बर्खास्त किया गया।


'मैंने नियमों का पालन किया, फिर भी अन्याय हुआ' – मुनीर

बर्खास्तगी के बाद मीडिया से बात करते हुए मुनीर ने कहा, "मैंने CRPF मुख्यालय को अपनी शादी की जानकारी दी थी। निकाह के फोटो, कागजात और प्रमाणपत्र भी अपनी बटालियन में जमा कराए थे। फिर भी मुझे बर्खास्त कर दिया गया। मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अपील करता हूं – मुझे न्याय चाहिए।"


पहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आया मामला

यह मामला तब उजागर हुआ जब भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया। मीनल खान 28 फरवरी 2024 को वाघा-अटारी सीमा से भारत आई थीं, लेकिन उनका वीजा 22 मार्च को समाप्त हो गया। वह तब तक मुनीर के घर में ही रह रही थीं। फिलहाल, हाईकोर्ट ने मीनल को पाकिस्तान भेजने पर रोक लगाई है और वह जम्मू में मौजूद हैं।


'अदालत से मिलेगा इंसाफ' – जवान का भरोसा

मुनीर ने कहा कि वह बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देंगे। “मुझे पूरा भरोसा है कि अदालत से मुझे इंसाफ मिलेगा। मैंने हर प्रक्रिया को नियम के अनुसार पूरा किया है। बर्खास्तगी मेरे परिवार के लिए बड़ा झटका है।”


अगला कदम क्या होगा?

मुनीर को अचानक भोपाल ट्रांसफर किया गया और वहां 29 मार्च को उन्होंने ड्यूटी जॉइन की। उन्होंने बताया कि कमांडिंग ऑफिसर ने उनका साक्षात्कार लिया और दस्तावेज भी मंगवाए। फिलहाल वह कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।


निष्कर्ष:
CRPF जवान मुनीर अहमद की कहानी प्रशासनिक प्रक्रियाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन पर सवाल खड़े करती है। क्या जवान को बिना पक्ष सुने नौकरी से हटाना उचित था? यह अब न्यायपालिका तय करेगी। जवान की गुहार अब सीधे देश के प्रधानमंत्री तक पहुंच गई है।