Pahalgam Attack: 'पहलगाम आतंकी हमले के हर दोषी को सजा दिलाकर रहेंगे', जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से की कड़ी बात

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले पर भारत का सख्त रुख, विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष से कहा- हर दोषी को मिलेगी सजा; अमेरिका ने भारत का समर्थन दोहराया।

Pahalgam Attack: 'पहलगाम आतंकी हमले के हर दोषी को सजा दिलाकर रहेंगे', जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से की कड़ी बात

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाए हुए है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले के दोषियों, योजनाकारों और उनके सरपरस्तों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। भारत ने अमेरिका सहित वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट समर्थन की मांग की है।


जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री से दो टूक बात

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से इस मुद्दे पर बात की और स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाकर रहेगा। डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर अपने बयान में लिखा:

“कल अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इसके अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”

जयशंकर का यह बयान भारत की स्पष्ट विदेश नीति को दर्शाता है कि वह अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा, भले ही वैश्विक कूटनीतिक समीकरण कुछ भी हों।


भारत का स्पष्ट संदेश: पाकिस्तान के साथ कोई सहयोग नहीं

हालांकि अमेरिका ने भारत से पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने का आग्रह किया है और इस हमले की जांच में इस्लामाबाद के साथ सहयोग की संभावना जताई है, लेकिन भारत ने इस पर कोई सहमति नहीं जताई। भारत का रुख साफ है — पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक और पनाहगार है, और ऐसे देश के साथ किसी प्रकार का सहयोग देशहित के विरुद्ध होगा।

भारत सरकार की तरफ से इस हमले के लिए सीधा जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही दोहराया है:

“पहलगाम हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है और किसी भी आतंकी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।”


अमेरिका ने भारत के प्रति समर्थन दोहराया

इस हमले के बाद अमेरिका ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा:

“विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई है। साथ ही उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी भारत से आह्वान किया।”

अमेरिका ने भारत से यह भी कहा कि वह तनाव कम करने के प्रयास करे, ताकि इस क्षेत्र में स्थायित्व बना रहे। हालांकि भारत की प्राथमिकता अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही है, न कि कूटनीतिक समरसता।


हमले में 26 नागरिकों की मौत, पीड़ितों में अधिकांश पर्यटक

यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में उस वक्त हुआ, जब वहां पर्यटकों की भीड़ थी। हमला बेहद योजनाबद्ध और क्रूर था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इस हमले में जान गंवाने वालों में अधिकांश लोग अन्य राज्यों से आए पर्यटक थे, जो कश्मीर की खूबसूरती देखने आए थे।


भारत की कार्रवाई और रणनीति

पहलगाम हमले के बाद भारत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच की जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा:

  • सेना और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

  • घुसपैठ रोधी ऑपरेशन को तेज किया गया है।

  • सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी और तलाशी अभियान शुरू कर दिए गए हैं।

  • कश्मीर घाटी में साइबर निगरानी, सोशल मीडिया गतिविधियों पर विशेष फोकस किया जा रहा है।


भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहल

भारत ने अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कूटनीतिक अभियान छेड़ने की रणनीति बनाई है। संयुक्त राष्ट्र, G20 देशों और SCO जैसे मंचों पर भारत पहले ही आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठा चुका है। अब पहलगाम हमले के बाद भारत की नीति और अधिक कठोर होने की संभावना है।


पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंक का केंद्र बताते हुए सबूत पेश किए हैं। कई रिपोर्ट्स और खुफिया जानकारी से यह संकेत मिला है कि पहलगाम हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन ने रची थी। भारत इस मुद्दे को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक गंभीरता से उठाएगा।


आतंक के खिलाफ भारत का अडिग रुख

पहलगाम आतंकी हमला भारत के लिए एक और चिंतन और एकजुटता का क्षण है। यह हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के लिए भी एक चेतावनी है कि आतंकवाद अब सीमाओं में बंधा नहीं है।

भारत का स्पष्ट रुख यह है कि:

  • आतंक का अंत जरूरी है,

  • दोषियों को सजा मिलेगी,

  • और आतंकवाद के संरक्षकों को अब छुपने की जगह नहीं मिलेगी।