शेयर बाजार पर 'लाल' रंग का साया, कोरोना या धीमी ग्रोथ? क्यों आई गिरावट?
Share market par mangalwar ko bhi 'lal' rang ka saya. Sensex aur Nifty mein girawat. Corona ke badhte mamle ya slow GDP growth wajah?

नई दिल्ली: मंगलवार को भी शेयर बाजार पर 'लाल' रंग का साया बरकरार रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ खुला। सवाल यह है कि आखिर इस गिरावट की वजह क्या है? क्या देश में बढ़ते कोरोना के मामले निवेशकों को डरा रहे हैं, या फिर देश की जीडीपी ग्रोथ को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं? आइए इस खबर में जानते हैं।
मंगलवार को शेयर बाजार की शुरुआत निराशाजनक रही। बीएसई सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी दोनों ही गिरावट के साथ खुले। जबकि सोमवार को बाजार गिरावट के साथ बंद होने के बावजूद दिनभर में रिकवरी दिखाता नजर आया था।
बाजार खुलने के महज 15 मिनट के भीतर ही बीएसई सेंसेक्स में 300 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, बाजार 81,492.50 के स्तर पर खुला था। इसने दिन के दौरान 81,774.23 के उच्च स्तर और 80,948.20 के निचले स्तर को भी छुआ। वहीं, सोमवार को बाजार 81,373.75 अंकों पर बंद हुआ था।
इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 का भी नकारात्मक रुख रहा। यह इंडेक्स 24,786.30 अंकों पर खुला और जल्द ही 24,601.30 के निचले स्तर तक गिर गया। हालांकि, कारोबार के दौरान इसने 24,845.10 अंकों का ऊपरी स्तर भी छुआ। सोमवार को निफ्टी 24,716.60 अंकों पर बंद हुआ था।
बाजार का सेंटीमेंट:
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से अडानी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। हालांकि, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), टाटा स्टील और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे शेयरों में कुछ बढ़त दर्ज की गई।
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बिकवाली का रुख अपनाया और नेट 2,589.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इसके विपरीत, एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, शंघाई एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे। इस विपरीत एशियाई रुख का भी भारतीय बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है।
कोरोना का बढ़ता कहर:
शेयर बाजार में गिरावट के पीछे एक बड़ा कारण देश में कोरोना के मामलों में हो रही वृद्धि को माना जा रहा है। देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 4026 हो गई है। चिंता की बात यह है कि कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में कोरोना से 10 लोगों की मौत दर्ज की गई है। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले क्रमशः केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और कर्नाटक में सामने आ रहे हैं। बाजार इस बात से आशंकित है कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो देश की आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
देश की धीमी जीडीपी ग्रोथ:
पिछले सप्ताह सरकार द्वारा जारी किए गए जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों से पता चला कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश की आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही है, जो पिछले चार वर्षों का सबसे निचला स्तर है। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में एक राहत की बात यह रही कि देश की जीडीपी जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4 प्रतिशत रही।
इसके अलावा, वैश्विक रेटिंग एजेंसी नोमुरा ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2025-26 में घटकर 6.2 प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत थी। जापानी ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि और ऑटोमोबाइल बिक्री तथा बैंक के कर्ज में बढ़ोतरी इस ग्रोथ के संकेत को बाधित कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे कई कारण नजर आ रहे हैं, जिनमें देश में बढ़ते कोरोना के मामले और धीमी जीडीपी ग्रोथ की चिंताएं प्रमुख हैं। विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार के सेंटीमेंट को कमजोर किया है। निवेशक अब आगे के आर्थिक आंकड़ों और कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे।