Operation Sindoor के बाद अलर्ट: सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए नेटवर्क सुधारने और आपातकालीन तैयारी के निर्देश

ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को अलर्ट किया है। सीमावर्ती इलाकों में नेटवर्क सुचारू रखने और साइबर हमलों से सुरक्षा के निर्देश।

Operation Sindoor के बाद अलर्ट: सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए नेटवर्क सुधारने और आपातकालीन तैयारी के निर्देश

भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही दूरसंचार मंत्रालय ने सभी टेलीकॉम कंपनियों — सरकारी और निजी दोनों — को हाई अलर्ट पर रहने और नेटवर्क को मजबूत बनाए रखने का आदेश दिया है। यह निर्देश इसलिए दिया गया है क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से साइबर हमलों की आशंका जताई जा रही है।


क्या कहा सरकार ने?

दूरसंचार मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:

  • सीमावर्ती इलाकों में 100 किलोमीटर के दायरे में सभी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) बिना किसी रुकावट के चालू रहें।

  • राज्य और जिला स्तर पर आपातकालीन संचालन केंद्रों (Emergency Operation Centers) की कनेक्टिविटी हर हाल में बरकरार रहे।

  • सभी टेलीकॉम कंपनियां आपस में सहयोग कर नेटवर्क को स्थिर और सुरक्षित बनाए रखें


साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से संभावित साइबर अटैक को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मंत्रालय ने कंपनियों को साइबर सुरक्षा उपाय कड़े करने के निर्देश दिए हैं:

  • सर्वरों और नेटवर्क्स की सुरक्षा की जांच।

  • डाटा ट्रैफिक पर निगरानी।

  • संभावित इनफिल्ट्रेशन के प्रयासों का त्वरित जवाब।

इन निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की टेलीकॉम संरचना किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में काम करती रहे।


आपात स्थिति में कौन से कदम उठाने होंगे?

मंत्रालय ने 2020 के Standard Operating Procedure (SOP) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है। इसके तहत:

  • सभी ऑपरेटरों को अपने नेटवर्क एसेट्स की लिस्ट तैयार करनी होगी, जिन्हें किसी भी स्थिति में चालू रखा जाना अनिवार्य है।

  • सभी LSA (Licensed Service Area) प्रमुखों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की लॉजिस्टिक मूवमेंट्स की अनुमति और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

  • टेलीकॉम कंपनियों को आपसी सहयोग से नेटवर्क बैकअप और रिडंडेंसी तैयार करने होंगे।


छुट्टियां रद्द, टॉप गियर में सरकार

सरकार ने इस अलर्ट को केवल टेलीकॉम तक सीमित नहीं रखा है। कई राज्यों में छुट्टियां रद्द कर प्रशासनिक अमले को अलर्ट पर रखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत, ऑपरेशन सिंदूर के बाद किसी भी प्रकार के प्रतिउत्तर या आंतरिक अस्थिरता की स्थिति से निपटने को तैयार है।


बॉर्डर एरिया में फोकस क्यों?

भारत-पाकिस्तान सीमा के पास अक्सर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं सीमित या कमजोर होती हैं। लेकिन युद्ध जैसी स्थिति में यह इलाके रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इसलिए:

  • नेटवर्क डाउन होना संचार में बाधा पैदा कर सकता है।

  • सेना और प्रशासन के लिए रीयल-टाइम कम्युनिकेशन आवश्यक होता है।

  • सामान्य जनता में भी घबराहट और अफवाहों को रोकने के लिए मजबूत नेटवर्क जरूरी है।


प्रमुख कंपनियों की भूमिका

देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे Jio, Airtel, BSNL और VI को इन निर्देशों को तत्काल लागू करना होगा। इन्हें:

  • अपने नेटवर्क की कार्यक्षमता की समीक्षा करनी होगी।

  • सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त नेटवर्क टॉवर्स या मोबाइल यूनिट्स तैनात करनी होंगी।

  • किसी भी तरह की साइबर अस्थिरता या DDoS अटैक से निपटने को तत्पर रहना होगा।


विशेषज्ञों की राय

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर पर हमले का सीधा असर देश की आंतरिक सुरक्षा पर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि:

  • टेलीकॉम नेटवर्क की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा के समान है।

  • कंपनियों को AI-बेस्ड साइबर मॉनिटरिंग टूल्स का इस्तेमाल करना चाहिए।

  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रियल टाइम रिपोर्टिंग और प्रतिक्रिया बेहद जरूरी है।


निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सामरिक क्षमता को दिखाया है, लेकिन इसके साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा, विशेष रूप से संचार नेटवर्क की मजबूती, उतनी ही जरूरी बन गई है। सरकार की ओर से टेलीकॉम कंपनियों को जारी किए गए निर्देश एक रणनीतिक कदम हैं, जिससे देश हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रह सके।