पीएम मोदी-ट्रंप बातचीत पर बवाल: विपक्ष ने बताया 'ट्रिपल झटका', संसद में स्पष्टीकरण की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट की बातचीत के बाद विवाद खड़ा हो गया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बयान कि सीजफायर आपसी सहमति से हुआ, पर विपक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इसे भारतीय विदेश नीति और कूटनीति के लिए 'ट्रिपल झटका' बताया है, जिसमें पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी बयानों और ट्रंप के मध्यस्थता के दावों का जिक्र है। विपक्ष संसद में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण और बहस की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बुधवार को लगभग 35 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई। इस बात की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि आपसी सहमति से हुआ है। पीएम ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।
विपक्षी दलों का पीएम मोदी पर निशाना: 'ट्रिपल झटका' और संसद में स्पष्टीकरण की मांग
विक्रम मिस्री के इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इसे भारतीय विदेश नीति और कूटनीति को मिला 'तीसरा झटका' बताया। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री मिस्री को बताई गई बातें संसद में भी कहें। वहीं, आरजेडी सांसद मनोज झा ने मिस्री के बयान और व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में विरोधाभास बताया।
जयराम रमेश का 'ट्रिपल झटका' कांसेप्ट
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए भारतीय विदेश नीति और कूटनीति को मिले 'ट्रिपल झटके' को समझाया:
- पहला झटका: फील्ड मार्शल असीम मुनीर, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं, को राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने साथ खास लंच के लिए आमंत्रित किया है। रमेश ने इसे भारतीय कूटनीति के लिए झटका बताते हुए कहा कि भारत इस पर चुप है और कोई आपत्ति नहीं जताई है।
- दूसरा झटका: जनरल माइकल कुरिल्ला, जो अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख हैं, ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बेहतरीन साझेदार है। जयराम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम तो कह रहे हैं कि पाकिस्तान एक बेहतरीन अपराधी है।
- तीसरा झटका: 10 मई से लेकर अब तक, राष्ट्रपति ट्रंप 14 बार दावा कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उन्होंने ही कराया है। उन्होंने व्यापार को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया और भारत-पाकिस्तान को एक साथ रखा। जयराम ने आरोप लगाया कि इतना सब होने के बावजूद पीएम मोदी चुप रहे और उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
संसद में बहस की मांग
जयराम रमेश ने कहा कि हमें बताया गया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से 35 मिनट फोन पर बात की। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री विदेश सचिव से जो बातें कही हैं, उनमें से कुछ बातें संसद में भी कहें। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने और इस मुद्दे पर बहस कराने की मांग की।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैं अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा करता हूं। लेकिन अब बात बहुत आगे बढ़ गई है। डोनाल्ड ट्रंप 14 से 15 बार बयान दे चुके हैं।" उन्होंने कहा कि विदेश सचिव मिस्री अपने बयान में कुछ और कह रहे हैं, और व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में कुछ और ही दिख रहा है, जो दोनों बातें एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं। झा ने भी संसद का विशेष सत्र बुलाने की बात दोहराई और कहा कि वैश्विक स्तर पर ऐसी कवायद की ज़रूरत है, सिर्फ घरेलू हेडलाइन मैनेजमेंट हमारी प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों पर भारत को और अधिक मुखर होकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए?