ओपिनियन: पहले गुरुद्वारा, फिर चर्च और अब जम्मू में मंदिर पर हमला, नाकाम होगी पाकिस्तान की नापाक नीयत

ओपिनियन: पाकिस्तान की नापाक हरकतें, पहले गुरुद्वारा, फिर चर्च और अब जम्मू में मंदिर पर हमला। भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश नाकाम होगी।

ओपिनियन: पहले गुरुद्वारा, फिर चर्च और अब जम्मू में मंदिर पर हमला, नाकाम होगी पाकिस्तान की नापाक नीयत

                                                                  नाकाम पाकिस्तान की नापाक साजिश होगी नाकाम

नई दिल्ली: पाकिस्तान अब अपनी हार को सामने देखकर बुरी तरह बौखला गया है। सीधी लड़ाई में भारत के सामने टिक न पाने की हताशा में, वह अब एक घिनौनी साजिश रच रहा है - भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना। पिछले तीन दिनों में लगातार तीन अलग-अलग धर्मों के पवित्र स्थलों को निशाना बनाना इसी नापाक इरादे का हिस्सा है।

एक तरफ, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर 'ऑपरेशन सिंदूर' को मुसलमानों के खिलाफ भारत की जंग साबित करने की घटिया कोशिशों में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ, तुर्की से आयातित ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है, ताकि भारत में सांप्रदायिक आग भड़काई जा सके। पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद, भारत ने 6 और 7 मई की रात को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के नौ ठिकानों को धूल चटा दी। इसके बाद से, पाकिस्तानी सेना ने लगातार तीन रातों में भारत में अलग-अलग धर्मों के पूजा स्थलों को निशाना बनाया है। भारत सरकार पहले ही इस ओर इशारा कर चुकी है कि पाकिस्तान का असली मकसद हमारे देश में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करना है।

नीचता की हदें पार करता पाकिस्तान:

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 9 मई (शुक्रवार) को एक आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का खुलासा करते हुए कहा, "पूंछ में एक गुरुद्वारे पर पाकिस्तान ने हमला किया। इस हमले में कुछ निर्दोष स्थानीय सिखों की जान चली गई। इसके बाद, पाकिस्तान एक झूठी खबर फैला रहा है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन से हमला किया। यह सरासर झूठ है और पाकिस्तान के 'दुष्प्रचार अभियान' का हिस्सा है।" उन्होंने सबसे खतरनाक बात यह बताई कि पाकिस्तान अपने जघन्य अपराधों को छिपाने के लिए यह घिनौनी चाल चल रहा है कि भारतीय सेना खुद ही अमृतसर जैसे अपने शहरों को निशाना बना रही है और इसका दोष इस्लामाबाद पर मढ़ रही है। मिस्री ने स्पष्ट रूप से कहा, "पाकिस्तान हालात को सांप्रदायिक रंग देने की हर संभव कोशिश कर रहा है। उनका एकमात्र इरादा लोगों के बीच धार्मिक भेदभाव और झगड़े पैदा करना है। वे 'साम्प्रदायिक वैमनस्य' फैलाना चाहते हैं।"

गुरुद्वारे के बाद ईसाई संस्थानों पर बरसाई नफरत:

भारत सरकार की आशंकाएं बिल्कुल भी निराधार नहीं हैं। पूंछ में एक गुरुद्वारे को निशाना बनाने के बाद, पाकिस्तानी सेना ने 7 मई की तड़के ही पूंछ में ही एक ईसाई स्कूल और क्रिश्चियन मिशनरी से जुड़ी इमारतों को भी अपना निशाना बनाया। इस कायरतापूर्ण हमले में दो मासूम छात्रों की जान चली गई और कई अन्य बुरी तरह से घायल हो गए। इसी तरह, एक पाकिस्तानी गोला ननों, पादरियों और स्कूल स्टाफ वाली इमारत पर भी गिराया गया। गनीमत रही कि उस समय स्कूल बंद था, अन्यथा कई और निर्दोष लोग हताहत हो सकते थे।

शनिवार तड़के जम्मू में मंदिर पर बड़ा हमला:

शनिवार तड़के पाकिस्तान के असली और घिनौने चेहरे का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जम्मू में आप शंभू मंदिर के पास हमला किया गया। जम्मू पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आईं और इस हमले की गहन जांच कर रही हैं। एक स्थानीय निवासी के अनुसार, "सुबह-सुबह शंभू मंदिर में लोग पूजा के लिए आते हैं, लेकिन साइरन बज रहा था, इसलिए यहां कम ही लोग थे। पाकिस्तान को इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।"

हार देखकर नफरत को हथियार बनाने का कायरतापूर्ण दांव:

हमारी सुरक्षा एजेंसियों की आशंकाएं बिल्कुल सही साबित हो रही हैं। पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर का जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें उनका असली चेहरा बेनकाब हो गया था कि उनके पास अब जम्मू और कश्मीर के नाम पर पाकिस्तानी जनता में नफरत पैदा करने के लिए सिर्फ धर्म ही एक घटिया हथियार बचा है। यही वजह है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को उनके बयानों और नजरिए का ही नतीजा माना जा रहा है। यही कारण है कि भारत ने जिस तरह से आतंकियों और आतंक के आकाओं को सजा देने का दृढ़ संकल्प लिया है, उससे पाकिस्तानी फौज बुरी तरह से बौखलाई हुई है और भारत में नफरत की आग को सुलगाना चाहती है। क्योंकि, चीन और तुर्की से मंगवाए गए उसके युद्धक हथियार भारत की जवाबी कार्रवाई के सामने पूरी तरह से फेल हो रहे हैं।

नापाक पाकिस्तान नाकाम है और नाकाम ही रहेगा:

जिस तरह से भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी फौज के बड़े-बड़े अफसर खुलेआम शामिल हुए हैं, उसके बाद इस बात के लिए किसी और सबूत की जरूरत नहीं रह गई है कि ये आतंकी संगठन पूरी तरह से पाकिस्तानी फौज के प्यादे हैं। ऐसी भी खुफिया रिपोर्टें हैं कि पाकिस्तान भारत में और भी बड़े आतंकी हमले करवाने की साजिश रच रहा है। पाकिस्तान को लगता है कि अगर वह भारत में धर्म की आड़ में नफरत फैलाने में कामयाब हो गया, तो उसका काम आसान हो जाएगा। क्योंकि, वह अच्छी तरह जानता है कि भारत के साथ सीधी जंग में वह कभी जीत नहीं सकता। लेकिन, जिस तरह से पहलगाम हमले के बाद से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' तक लगभग 140 करोड़ भारतीयों ने एकजुटता दिखाई है, उससे यह तय है कि नापाक पाकिस्तान हमेशा से नाकाम साबित हुआ है और हमेशा नाकाम ही साबित होता रहेगा। भारत अपनी एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हर चुनौती का डटकर सामना करेगा।