छत्तीसगढ़: सीएम विष्णु देव साय ने जशपुर में किया योग, 'जेनेरिक दवा' और 'एक पेड़ मां के नाम' की अपील
Chhattisgarh ke CM Vishnu Dev Sai ne Jashpur mein kiya yoga. Logon se dincharya mein shamil karne ki appeal. CM ne generic dawai aur 'ek ped maa ke naam' lagane ka bhi kiya agrah. 107 crore ke vikas karyo ka bhi kiya lokarpan.

जशपुर, छत्तीसगढ़: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जिला मुख्यालय जशपुर में हजारों लोगों के साथ योगाभ्यास किया। इस मौके पर उन्होंने लोगों को योग दिवस की बधाई देते हुए इसे अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने की अपील की, ताकि मन और आत्मा संतुलित रह सकें और बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सके।
योग: सनातन परंपरा और वैश्विक पहचान
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि योग हमारे देश के लिए कोई नई विधा नहीं है, बल्कि यह सनातन काल से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इसका ईजाद किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग की महत्ता को स्थापित किया और इसे विश्व स्तर पर स्वीकृति दिलाई। परिणामस्वरूप, 2015 से हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है, और यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि 175 देशों में योग की आवाज़ गूंज रही है।
जशपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ जनप्रतिनिधि, स्कूली बच्चे, आम नागरिक, अधिकारी और कर्मचारियों ने उत्साह से योगाभ्यास किया। योग प्रशिक्षकों ने चक्र आसन, अर्ध चक्र आसन, कपाल भारती, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, वज्रासन सहित विभिन्न आसनों का अभ्यास करवाया।
सीएम की अपील: 'जेनेरिक दवा' और 'एक पेड़ मां के नाम'
सीएम साय ने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। उन्होंने जोर दिया कि दिन-रात के 24 घंटों में से कुछ समय योग के लिए ज़रूर निकालना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल बड़ी बीमारियां ठीक होती हैं, बल्कि भविष्य में बीमारियों की संभावना भी कम हो जाती है।
स्वास्थ्य के मुद्दे पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने जेनेरिक दवाइयों के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये दवाएं ब्रांडेड दवाइयों जितनी ही असरदार होती हैं, लेकिन इनकी कीमत बहुत कम होती है, जिससे गरीब और आम लोगों की पहुँच में रहती हैं। उन्होंने सभी से जेनेरिक दवाइयों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए, मुख्यमंत्री साय ने लोगों से "एक पेड़ मां के नाम" लगाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि बारिश शुरू हो चुकी है और यह समय वृक्षारोपण के लिए अनुकूल है। उन्होंने लोगों से अपनी माता के नाम पर एक पौधा लगाने और आजीवन उसकी सुरक्षा का दायित्व संभालने का आह्वान किया।
नालंदा परिसर का भूमिपूजन और विकास कार्यों का लोकार्पण
योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने नालंदा परिसर का भूमि पूजन भी किया। यह 500 सीटर का परिसर 11 करोड़ 29 लाख रुपये की लागत से 2 एकड़ भूमि पर बनेगा, जिसमें एक सुंदर गार्डन भी विकसित किया जाएगा। सीएम ने कहा कि इस परिसर से गरीब बच्चों को विशेष लाभ मिलेगा, जो बड़े शहरों में आकर पढ़ाई नहीं कर सकते। राज्य सरकार ने सभी जिला मुख्यालयों और बड़े शहरों में ऐसे नालंदा परिसर बनाने का जिम्मा लिया है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 107.81 करोड़ रुपये के 64 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इनमें जशपुर विधानसभा क्षेत्र के 61.20 करोड़ रुपये के 85 कार्यों का भूमिपूजन और 15.80 करोड़ रुपये के 6 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के फरसाबहार विकासखंड में भी 24.90 करोड़ रुपये के 15 कार्यों का भूमिपूजन और 5.91 करोड़ रुपये के 4 कार्यों का लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योग आयोग के प्रशिक्षकों को प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि योग सभी तरह के भेदभाव से ऊपर है और सभी लोग इसका लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने इस साल की थीम "एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य" पर भी प्रकाश डाला और अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की।
योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा ने जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता और योग के लिए अनुकूल वातावरण की सराहना की।
इस कार्यक्रम में कलेक्टर रोहित व्यास, समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव, पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, पद्मश्री जागेश्वर राम यादव, जशपुर विधायक रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, राज्य के सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, और अन्य कई जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्कूली बच्चे और अधिकारी उपस्थित रहे। दिव्यांग बालिका द्वारा कठिन योगाभ्यास ने भी सभी को प्रेरित किया।
यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस छत्तीसगढ़ में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।