कौशांबी के लोहंदा कांड की जांच अब प्रतापगढ़ SIT के हवाले, IG प्रयागराज करेंगे निगरानी

Kaushambi ke Loanda kand mein bada action. Beta par duskaram ka aarop, pita ne ki thi aatmhatya. Ab Pratapgarh SIT karegi jaanch, IG Prayagraj karenge nigrani. Jaaniye poora mamla.

कौशांबी के लोहंदा कांड की जांच अब प्रतापगढ़ SIT के हवाले, IG प्रयागराज करेंगे निगरानी

कौशांबी के लोहंदा कांड की जांच अब प्रतापगढ़ SIT के हवाले, IG प्रयागराज करेंगे निगरानी

कौशांबी, उत्तर प्रदेश: कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र में हुए चर्चित लोहंदा कांड की जांच में एक बड़ा मोड़ आ गया है। इस संवेदनशील प्रकरण की विवेचना अब कौशांबी से हटाकर प्रतापगढ़ की विशेष जांच टीम (SIT) को सौंप दी गई है। इस जांच की निगरानी स्वयं आईजी प्रयागराज करेंगे, जिसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। एडीजी जोन डॉ. संजीव गुप्ता ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सके।


क्या है लोहंदा कांड?

लोहंदा गांव में तीन अलग-अलग घटनाओं को लेकर सैनी थाने में कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे:

  • दुष्कर्म का आरोप: गांव की आठ साल की बालिका से दुष्कर्म के आरोप में सिद्धार्थ तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
  • पिता की आत्महत्या: आरोपी सिद्धार्थ के पिता रामबाबू तिवारी ने अपने बेटे को चुनावी रंजिश के चलते फर्जी फंसाए जाने का आरोप लगाकर थाने के सामने जहर खाकर जान दे दी थी। मौत से पहले उन्होंने अपने शरीर पर सुसाइड नोट भी लिखा था।
  • हंगामा और प्रदर्शन: बाद में रामबाबू तिवारी के अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाए जाने के दौरान परिजनों द्वारा जाम लगाने पर जमकर हंगामा हुआ था।

इन तीनों ही घटनाओं के संबंध में अलग-अलग मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें पॉक्सो एक्ट, सात सीएलए एक्ट और संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम जैसी धाराएं शामिल हैं।


SIT जांच और उच्च अधिकारियों की निगरानी

इन सभी मामलों की संवेदनशीलता को देखते हुए, एडीजी जोन ने निष्पक्ष विवेचना के लिए एसआईटी प्रतापगढ़ को जिम्मेदारी दी है। पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ को निर्देश दिया गया है कि वह एक एसआईटी का गठन करें, जिसमें एक उप निरीक्षक और एक महिला उप निरीक्षक शामिल हों। यह एसआईटी इन तीनों मुकदमों की जांच करेगी, और पुलिस अधीक्षक खुद विवेचना का पर्यवेक्षण करेंगे।

एडीजी जोन की ओर से यह भी कहा गया है कि आईजी रेंज प्रयागराज अजय कुमार मिश्रा इस पूरे केस की रोज़ाना समीक्षा करेंगे और एसआईटी को मार्गदर्शन भी देंगे, ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही की कोई गुंजाइश न रहे।

यह कदम मामले की संवेदनशीलता और इसमें शामिल विभिन्न पहलुओं को देखते हुए निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।