अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बी.जे. मेडिकल कॉलेज पर टूटा कहर, 155 साल पुरानी विरासत क्षतिग्रस्त; छात्रों की मौत
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 बी.जे. मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गई, जिससे कई छात्रों की जान चली गई और 155 साल पुरानी यह ऐतिहासिक संस्था क्षतिग्रस्त हो गई।

12 जून की सुबह अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक भयावह त्रासदी बनकर आई। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 कॉलेज की इमारत से टकरा गई, जिससे कई छात्रों की जान चली गई और संस्थान की ऐतिहासिक बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंचा। यह घटना गुजरात के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान के लिए एक काला दिन साबित हुई।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज: चिकित्सा शिक्षा की 155 साल पुरानी विरासत
बी.जे. मेडिकल कॉलेज, जिसकी नींव 1869 में मात्र 14 छात्रों के साथ रखी गई थी, आज चिकित्सा शिक्षा और जनसेवा में अपने 155 साल के बेजोड़ योगदान के लिए जाना जाता है। सर बायरमजी जीजीभाई के योगदान से नाम पाने वाले इस कॉलेज ने दशकों से सैकड़ों डॉक्टर तैयार किए हैं, जिन्होंने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) तक ने इसकी गुणवत्ता को सराहा है, जो इसे केवल एक इमारत नहीं, बल्कि चिकित्सा की एक जीवंत विरासत बनाता है।
कॉलेज का ऐतिहासिक सफर: अहमदाबाद मेडिकल स्कूल से प्रतिष्ठित बी.जे. मेडिकल कॉलेज तक
कॉलेज की नींव दरअसल 1871 में अहमदाबाद मेडिकल स्कूल के रूप में रखी गई थी, और शुरुआती दौर में यह अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल से संबद्ध था। तब यहाँ केवल 14 छात्र पढ़ते थे। 1879 में, प्रसिद्ध व्यापारी और परोपकारी सर बायरमजी जीजीभाई ने कॉलेज को ₹20,000 का महत्वपूर्ण दान दिया, जिसके बाद उनकी याद में कॉलेज का नाम बदलकर बी.जे. मेडिकल स्कूल कर दिया गया।
समय के साथ, बी.जे. मेडिकल स्कूल ने तेजी से विकास किया। साल 1917 में इसे बॉम्बे के कॉलेज ऑफ फिजिशियंस एंड सर्जन्स से संबद्ध किया गया। फिर, 1946 में एक और बड़ा कदम उठाया गया जब इसे बॉम्बे यूनिवर्सिटी से संबद्धता मिली और यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज बन गया। इसके बाद कॉलेज ने एल.सी.पी.एस. (Licentiate Certified Physician and Surgeon) डिप्लोमा देना शुरू किया, जो उस समय एक उच्च स्तरीय मेडिकल क्वालिफिकेशन थी।
गुजरात राज्य के गठन के बाद हुआ विस्तार
साल 1951 में गुजरात राज्य के गठन के बाद, कॉलेज को गुजरात यूनिवर्सिटी से संबद्ध किया गया, जहाँ से ग्रेजुएशन लेवल के कोर्स शुरू हुए। फिर 1956 में ग्रेजुएशन कोर्स के लिए भी गुजरात यूनिवर्सिटी से संबद्धता मिली। आज यह कॉलेज गुजरात विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) दोनों से मान्यता प्राप्त है, जो इसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता को दर्शाता है।
WHO द्वारा प्रशंसित और जनसेवा का मिशन
बी.जे. मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गुजरात और उससे आगे के क्षेत्र में उच्च स्तरीय मेडिकल क्वालिफिकेशन और सेवाएँ प्रदान करना था। सालों से इसने मेडिकल एजुकेशन, रिसर्च और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसकी चाइल्ड हेल्थकेयर और व्यापक टीकाकरण कार्यक्रमों में एकीकृत शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रशंसा की है।
इस मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का उद्देश्य हमेशा से रहा है कि यह समाज के सभी वर्गों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करे। यहाँ अधिकतर इलाज निःशुल्क हैं या बेहद कम दरों पर उपलब्ध हैं। यह मिशन आज भी जारी है। यह कॉलेज अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करता है।
NEET-UG से दाखिला और व्यापक कोर्स ऑफर
वर्तमान में, बी.जे. मेडिकल कॉलेज गुजरात के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक है। यह हर साल 250 छात्रों को MBBS कोर्स में दाखिला देता है, जिनका चयन नीट-यूजी (NEET-UG) परीक्षा के माध्यम से होता है। MBBS के अलावा, कॉलेज में MD, MS, DM, MH और अन्य डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। कॉलेज का परिसर आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें उन्नत प्रयोगशालाएं, एक विशाल लाइब्रेरी और अत्याधुनिक क्लासरूम शामिल हैं।
यह दुखद घटना निश्चित रूप से बी.जे. मेडिकल कॉलेज के इतिहास में एक गहरा घाव छोड़ गई है, लेकिन यह संस्थान अपनी समृद्ध विरासत और जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ निश्चित रूप से इस त्रासदी से उबर कर फिर से खड़ा होगा।