SpaceX का बड़ा कीर्तिमान: Starlink ने एक साथ 26 नए सैटेलाइट्स लॉन्च किए, भारत में एंट्री का रास्ता भी साफ
एलन मस्क की स्पेसएक्स ने स्टारलिंक प्रोजेक्ट के तहत 26 नए सैटेलाइट्स लॉन्च किए, जिससे एक्टिव सैटेलाइट्स की संख्या 7600+ हो गई है। अब भारत में भी स्टारलिंक को GMPCS लाइसेंस मिल गया है, जिससे सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।

एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स (SpaceX) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपने महत्वाकांक्षी स्टारलिंक (Starlink) प्रोजेक्ट के तहत एक साथ 26 नए सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेज दिया है। इस ताज़ा लॉन्च के बाद, स्टारलिंक नेटवर्क में सक्रिय सैटेलाइट्स की संख्या अब 7600 से भी ज़्यादा हो गई है।
वैश्विक हाई-स्पीड इंटरनेट का लक्ष्य
यह लॉन्च शुक्रवार (13 जून, 2025) को कैलिफ़ोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फ़ोर्स बेस (Vandenberg Space Force Base) से किया गया। यह स्टारलिंक की उस बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसमें एलन मस्क पूरी दुनिया में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देना चाहते हैं। मस्क का दावा है कि स्टारलिंक उन दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराएगा, जहाँ अब तक इंटरनेट पहुँचना नामुमकिन रहा है।
100 से ज़्यादा सफल लॉन्च, दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क
स्पेसएक्स अब तक स्टारलिंक मिशन के तहत 100 से ज़्यादा सफल लॉन्च कर चुकी है। इन लगातार लॉन्चों के ज़रिए कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेज़ी से फैल रही सैटेलाइट ब्रॉडबैंड नेटवर्क का निर्माण कर रही है।
स्टारलिंक के सैटेलाइट लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO - Low-Earth Orbit) में तैनात होते हैं, जिससे डाटा ट्रांसमिशन में लेटेंसी (विलंबता) बेहद कम होती है और दूरदराज के इलाकों तक भी इंटरनेट का लाभ मिल सकता है। एलन मस्क का दावा है कि आने वाले समय में स्टारलिंक पूरी दुनिया को एक 'ग्लोबल इंटरनेट गाँव' में बदल देगा, जहाँ 'लिमिटेशन नहीं बल्कि केवल कनेक्टिविटी' मायने रखेगी।
भारत में भी स्टारलिंक की एंट्री का रास्ता साफ
एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक के लिए भारत में एंट्री का रास्ता अब साफ हो गया है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने कंपनी को GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस जारी कर दिया है। इस लाइसेंस के ज़रिए अब स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज़ शुरू कर सकेगी।
स्टारलिंक भारत में GMPCS लाइसेंस हासिल करने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले भारती एयरटेल-यूटेलसैट की OneWeb और रिलायंस जियो को ये लाइसेंस मिल चुका है। स्टारलिंक 2021 से ही इंडियन मार्केट में एंट्री की कोशिश कर रही थी, लेकिन नियम-कायदों की वजह से उसे अपनी शुरुआती कोशिशें रोकनी पड़ी थीं। कंपनी को अपने प्री-ऑर्डर कस्टमर्स को पैसे भी लौटाने पड़े थे। अब एक बार फिर स्टारलिंक भारत में वापसी की राह पर है, और इस बार वह सरकारी मंज़ूरी के साथ आई है, जिससे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है।