छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले: वंचितों को छात्रवृत्ति, सोलर बिजली और टाइगर फाउंडेशन का गठन

छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने वंचित समुदायों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने, 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' के तहत घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी का गठन करने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले: वंचितों को छात्रवृत्ति, सोलर बिजली और टाइगर फाउंडेशन का गठन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें वंचित समुदायों को छात्रवृत्ति, अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली योजनाएं और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े फैसले प्रमुख हैं।


वंचित समुदायों को छात्रवृत्ति और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

कैबिनेट ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में शामिल वंचित वर्गों को मिलने वाली सुविधाओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया। डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव तथा पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य छात्रवृत्ति मिलेगी, जबकि डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य छात्रवृत्ति दी जाएगी।

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने में राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का भी निर्णय लिया।

  • लक्ष्य और वित्तीय भार:
    • वर्ष 2025-26 में 60,000 सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य, जिस पर ₹180 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
    • वर्ष 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य, जिस पर ₹210 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी होगी और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे लागू करेगी। कंपनी इस योजना के संचालन के लिए एक अलग बैंक खाता भी खोलेगी।

वन्यजीव संरक्षण और शैक्षणिक विकास

कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी का गठन करने का निर्णय लिया है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी और बाघों तथा अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में सीधे शामिल होगी। यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी।

इसके अतिरिक्त, मंत्रिपरिषद ने अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास) को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में विलय करने का भी अनुमोदन किया।


कृषि, स्थानीय उत्पादों का विपणन और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

  • उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना: बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में राजगामी संपदा की 94.290 हेक्टेयर भूमि में से 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उद्यानिकी महाविद्यालय (उद्यानिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना की जा सके।
  • जशपुर के हर्बल उत्पादों को बढ़ावा: जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा JashPure ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे हर्बल और महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पादों को व्यापक बाज़ार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने के लिए, इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित किया है। इससे एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा और आदिवासी महिलाओं को रोज़गार के अधिक अवसर मिलेंगे।
  • शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति: नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य (महिला या पुरुष) को पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी ज़िले या संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी।
  • स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (SMET) का गठन: स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एसएमईटी) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ में एसएमईटी के तहत समस्त गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी की 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त रूप से एसएमईटी फंड में जमा की जाएगी।

इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ में सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है।