अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद डिजास्टर मैनेजमेंट की ज़रूरत: जानें कोर्स, कॉलेज और करियर स्कोप
गुजरात के अहमदाबाद में हुए हालिया विमान हादसे ने आपदा प्रबंधन पेशेवरों की अहमियत को रेखांकित किया है। इस लेख में जानें डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स, भारत के टॉप कॉलेज और इस फ़ील्ड में करियर की संभावनाएँ।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए हालिया एयर इंडिया विमान हादसे ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन (Disaster Management) पेशेवरों की अहमियत को सामने ला दिया है। ये विशेषज्ञ न सिर्फ़ रेस्क्यू और राहत कामों को अंजाम देते हैं, बल्कि किसी भी हादसे के बाद हालात को संभालने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करते हैं। आइए जानते हैं कि डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स क्या है, ये हादसों के वक़्त कैसे काम आते हैं और भारत में इसके लिए टॉप कॉलेज कौन-कौन से हैं।
क्या है डिजास्टर मैनेजमेंट?
डिजास्टर मैनेजमेंट एक ऐसा फ़ील्ड है जो प्राकृतिक आपदाओं (जैसे भूकंप, बाढ़) और मानव निर्मित आपदाओं (जैसे विमान हादसे, फ़ैक्ट्री दुर्घटनाएँ) से निपटने की ट्रेनिंग देता है। ये कोर्स आपको सिखाते हैं कि किसी क्राइसिस में कैसे प्लानिंग, को-ऑर्डिनेशन और एक्शन लिया जाए। विमान हादसों में डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स का रोल बहुत बड़ा होता है:
- तुरंत रेस्क्यू: हादसे की जगह पर घायलों को फर्स्ट-एड देना और सुरक्षित लोगों को निकालना।
- लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट: रिलीफ ऑपरेशन्स के लिए गाड़ियों, इक्विपमेंट और मैनपावर का इंतज़ाम करना।
- क्राइसिस कम्यूनिकेशन: पीड़ितों के परिवार, मीडिया और बाकी लोगों को सही और समय पर जानकारी देना।
- रिकवरी और रिहैबिलिटेशन: हादसे के बाद कम्युनिटी को सपोर्ट करना, मेंटल हेल्थ काउंसलिंग देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाना।
- हादसे की जाँच: क्रैश के कारणों का पता लगाने में मदद करना ताकि भविष्य में इसे रोका जा सके।
भारत में डिजास्टर मैनेजमेंट के टॉप कॉलेज
भारत में कई टॉप कॉलेज डिजास्टर मैनेजमेंट के कोर्स ऑफ़र करते हैं। इनमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और मास्टर्स लेवल प्रोग्राम शामिल हैं:
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (NIDM), दिल्ली
- कोर्स: सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम। इनमें डिजास्टर रिस्क रिडक्शन, नेशनल सिक्योरिटी और इंडस्ट्रियल सेफ़्टी जैसे टॉपिक्स कवर होते हैं।
- ख़ासियत: NIDM भारत सरकार का इंस्टीट्यूट है, जो डिजास्टर मैनेजमेंट में लीडर है। ये UNDP और UNDRR जैसे ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन्स के साथ काम करता है।
- एडमिशन: ज़्यादातर मेरिट-बेस्ड, कुछ कोर्स में एंट्रेंस टेस्ट या इंटरव्यू। NIDM वेबसाइट पर और डिटेल्स मिल सकती हैं।
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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), मुंबई
- कोर्स: MA/MSc डिजास्टर मैनेजमेंट, 2 साल का फुल-टाइम प्रोग्राम। इसमें पॉलिसी मेकिंग, प्लानिंग और डिजास्टर रिस्पॉन्स जैसे टॉपिक्स शामिल हैं।
- ख़ासियत: TISS का कोर्स सोशल और एनवायरनमेंटल जस्टिस पर फ़ोकस करता है, जो विमान हादसों जैसे क्राइसिस के लिए प्रैक्टिकल स्किल्स देता है।
- एडमिशन: TISS-NET एग्ज़ाम, फिर ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू। ग्रेजुएशन में 50% मार्क्स (SC/ST के लिए 45%) चाहिए। TISS वेबसाइट चेक करें।
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IIT रुड़की, उत्तराखंड
- कोर्स: इंजीनियरिंग और टेक्निकल फ़ोकस के साथ डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोग्राम, जैसे स्ट्रक्चरल सेफ़्टी और रिस्क असेसमेंट।
- ख़ासियत: IIT रुड़की की टेक्निकल अप्रोच विमानन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेफ़्टी के लिए फ़ायदेमंद है।
- एडमिशन: GATE या मेरिट-बेस्ड। IIT रुड़की वेबसाइट पर डिटेल्स मिल सकती हैं।
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जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), नई दिल्ली
- कोर्स: PG प्रोग्राम डिजास्टर मैनेजमेंट में, जो सोशल साइंस का हिस्सा है।
- ख़ासियत: JMI का कोर्स प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल दोनों तरह की ट्रेनिंग देता है।
- एडमिशन: JMI का एंट्रेंस टेस्ट। JMI वेबसाइट देखें।
विमान हादसों में कोर्स की अहमियत और करियर स्कोप
भले ही ख़ास तौर पर विमानन डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए कोर्स कम हों, लेकिन जनरल डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में वो सारी स्किल्स कवर होती हैं जो विमान हादसों में काम आती हैं। जैसे कि इमरजेंसी रिस्पॉन्स, रिस्क असेसमेंट और GIS जैसे टूल्स का इस्तेमाल। TISS जैसे इंस्टीट्यूट्स में डिजास्टर पॉलिसी जैसे स्पेशलाइजेशन भी मिलते हैं, जो विमानन हादसों के लिए यूज़फुल हैं।
डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद आप प्रोजेक्ट मैनेजर, सेफ़्टी एक्सपर्ट, डिजास्टर ऑफ़िसर या टेक्निकल सपोर्ट मैनेजर बन सकते हैं। विमानन सेक्टर में आप एयरलाइंस, एयरपोर्ट्स या सिविल एविएशन अथॉरिटीज के साथ काम कर सकते हैं। अहमदाबाद हादसा दिखाता है कि जैसे-जैसे भारत का एविएशन सेक्टर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ेगी। सही ट्रेनिंग और स्किल्स के साथ आप न सिर्फ़ अच्छा करियर बना सकते हैं, बल्कि सोसायटी को भी सपोर्ट कर सकते हैं।