नक्सलवाद पर ऐतिहासिक प्रहार: शीर्ष कमांडर बसवराजू समेत 27 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों को 30 साल में मिली सबसे बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया, जिसमें शीर्ष कमांडर बसवराजू भी शामिल है। 30 साल में मिली सबसे बड़ी सफलता।

नक्सलवाद पर ऐतिहासिक प्रहार: शीर्ष कमांडर बसवराजू समेत 27 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों को 30 साल में मिली सबसे बड़ी सफलता

रायपुर/नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम देते हुए 27 खूंखार नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में नक्सली संगठन के शीर्ष नेता और सभी गुटों के चीफ नरसिम्हा उर्फ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकाने से एके-47 समेत भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया है। इस साहसिक ऑपरेशन में एक जवान भी शहीद हो गया।

यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से चलाए जा रहे अभियानों में सुरक्षाबलों को मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता है। पहली बार किसी शीर्ष नक्सली कमांडर, जो सभी नक्सली समूहों का मुखिया था, को इतनी बड़ी संख्या में उसके कमांडो के साथ मार गिराया गया है। मारे गए 27 नक्सलियों में बसवराजू के 20 बॉडीगार्ड कमांडो भी शामिल हैं।

खुफिया एजेंसियों से नक्सलियों के टॉप लीडरों के बारे में मिले सटीक इनपुट के आधार पर, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के लगभग 500 जवानों ने संयुक्त रूप से 19 मई की दोपहर करीब दो बजे से लेकर बुधवार सुबह करीब 8 बजे तक, लगातार 42 घंटे तक यह ऑपरेशन चलाया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि मारा गया 71 वर्षीय बसवराजू कुख्यात अपराधी था और उसके 15 अलग-अलग नाम थे। एनआईए की 5 दिसंबर, 2018 की रिपोर्ट के अनुसार उसके छह प्रमुख नाम गगाना उर्फ विजय उर्फ केशव उर्फ बीआर उर्फ दारापू नरसिम्हा रेड्डी उर्फ नरसिम्हा थे। इसके अलावा वह नंबाला केशव राव, कृष्णा, विनय, बसवराज, प्रकाश, उमेश और राजू के नाम से भी जाना जाता था। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियानेपेट में जन्मा बसवराजू इंजीनियरिंग में स्नातक था और उसने आरईसी वारंगल से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई के साथ-साथ वह खेलों में भी उत्कृष्ट था और उसने वॉलीबॉल में आंध्र प्रदेश का राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिनिधित्व किया था।

बसवराजू 1978-79 में नक्सल आंदोलन से जुड़ा था और 1980 में एक छात्र संघ के साथ हुए झगड़े में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस के पास उसके खिलाफ यही एक पुराना रिकॉर्ड मौजूद है। करीब छह फीट लंबा बसवराजू हिडमा और नक्सलियों के अन्य सभी शीर्ष नेताओं का बॉस था। 2017-18 में नक्सलियों की शीर्ष संस्था के चीफ मुलापल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति के अचानक गायब हो जाने के बाद वह नक्सलियों का प्रमुख बना था। गणपति के बारे में सुरक्षाबलों को कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि वह देश में है या विदेश भाग गया या जीवित भी है या नहीं। हालांकि, बसवराजू को नक्सलियों का कमान सौंपने की आधिकारिक घोषणा 10 नवंबर, 2018 को की गई थी।

करीब डेढ़ दशक से नक्सल आतंक का पर्याय बना नरसिम्हा उर्फ बसवराजू अधिकतर समय अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में ही रहता था। उस पर विभिन्न राज्यों से कुल दो करोड़ दो लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित था। वह सुरक्षाबलों पर हमलों और एम्बुश की साजिश रचने में माहिर था। बुधवार को सुरक्षाबलों ने उसे उसके 20 बॉडीगार्ड नक्सली कमांडो के साथ घेर लिया और मार गिराया। छत्तीसगढ़ में बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्डागांव से डीआरजी (DRG) की विशेष टीमें अबूझमाड़ के जंगलों में इस निर्णायक अभियान के लिए भेजी गई थीं। तलाशी अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में एके-47, एसएलआर, इंसास, कार्बाइन सहित अन्य आधुनिक हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। यह ऑपरेशन 19 मई को नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के सीमावर्ती अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादी नेताओं की मौजूदगी की पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था।

इस बड़ी सफलता पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में ऑपरेशन में सीपीआई-माओवादी के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बासवराजू समेत 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराने के लिए बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना की। गृह मंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत की नक्सलवाद के खिलाफ तीन दशकों की लड़ाई में महासचिव स्तर के नेता को हमारे सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।

अमित शाह ने यह भी जानकारी दी कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। अधिकारियों ने बताया कि मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हाल ही में छत्तीसगढ़ की कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए एंटी नक्सल अभियान में 31 नक्सली मारे गए थे। बुधवार की कार्रवाई के साथ ही इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 200 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 183 बस्तर संभाग में मारे गए हैं। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की एक बड़ी और महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है।