भारत बना ग्लोबल बिजनेस जेट मैन्युफैक्चरर: डसॉल्ट और रिलायंस की साझेदारी में 'फाल्कन 2000' का देश में होगा निर्माण

फ्रांसीसी एविएशन कंपनी डसॉल्ट और अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की साझेदारी में अब भारत में 'फाल्कन 2000 एलएक्सएस बिजनेस एक्जीक्यूटिव जेट' का निर्माण वैश्विक बाज़ार के लिए होगा। इस समझौते के साथ भारत अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राज़ील जैसे देशों के एलीट क्लब में शामिल हो गया है।

भारत बना ग्लोबल बिजनेस जेट मैन्युफैक्चरर: डसॉल्ट और रिलायंस की साझेदारी में 'फाल्कन 2000' का देश में होगा निर्माण
अनिल अंबानी

फ्रांस की अग्रणी एविएशन कंपनी डसॉल्ट एविएशन और अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की सहायक कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड (RAL) ने आज (18 जून 2025) पेरिस एयर शो के दौरान एक ऐतिहासिक करार की घोषणा की है। इस समझौते के तहत अब भारत में फाल्कन 2000 एलएक्सएस बिजनेस एक्जीक्यूटिव जेट का निर्माण किया जाएगा, और वह भी ग्लोबल मार्केट के लिए।


भारत बना एलीट क्लब का हिस्सा

इस साझेदारी के साथ, भारत पहली बार बिजनेस जेट का निर्माण करने वाले चुनिंदा देशों - अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राज़ील के एलीट क्लब में शामिल हो गया है। नागपुर स्थित डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) की अत्याधुनिक फैक्ट्री में इस विमान की असेंबली लाइन स्थापित की जाएगी। यह फ्रांस के बाहर फाल्कन जेट के निर्माण की पहली इकाई होगी, जो भारत के एविएशन सेक्टर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।


डसॉल्ट का 'मेक इन इंडिया' वादा

डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस मौके पर कहा, "DRAL को फाल्कन सीरीज़ के लिए पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) बनाना हमारे 'मेक इन इंडिया' वादे को दर्शाता है। यह भारत को वैश्विक एविएशन सप्लाई चेन में एक मजबूत साझेदार के रूप में स्थापित करेगा।"

डसॉल्ट के इस कदम से अब भारत में न सिर्फ फाल्कन 2000 की पूरी बॉडी और विंग्स का निर्माण होगा, बल्कि फाल्कन 6X और 8X के फ्रंट सेक्शन की असेंबली भी DRAL द्वारा की जाएगी। यह भारत को एविएशन सुपरपावर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


आत्मनिर्भर भारत की जीत और भविष्य की योजनाएं

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने इस साझेदारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के विज़न को समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल देश के लिए बल्कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए भी एक गेमचेंजर साबित होगी। DRAL फैक्ट्री में बड़े स्तर पर टेक्नीशियन और इंजीनियरों की भर्ती होगी, जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। 2028 तक DRAL से 'मेड इन इंडिया' फाल्कन 2000 की पहली उड़ान की योजना है।


DRAL का अब तक का सफर

DRAL की स्थापना 2017 में डसॉल्ट एविएशन और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर की साझेदारी में हुई थी। 2019 से अब तक, DRAL ने 100 से अधिक फाल्कन 2000 जेट्स के अहम हिस्सों का निर्माण किया है। इस नई परियोजना के साथ, यह यूनिट फाल्कन जेट सीरीज़ के निर्माण में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका निभाएगी, जो भारत की विनिर्माण क्षमताओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करेगी।

क्या आपको लगता है कि यह साझेदारी भारत को वैश्विक एविएशन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगी?