Up News : यूपी पुलिस के प्रशिक्षु सिपाही अब सीखेंगे 'माफी मांगना' और 'धन्यवाद कहना सियासी टिप्पणी पर सख़्ती

यूपी पुलिस के नए सिपाही अब सीखेंगे माफ़ी मांगना और धन्यवाद कहना। प्रशिक्षण में अच्छे व्यवहार पर ज़ोर, सोशल मीडिया पर राजनीति टिपण्णी और हडताल उक्साने पर होगी मजबूती।

Up News  :  यूपी पुलिस के प्रशिक्षु सिपाही अब सीखेंगे 'माफी मांगना' और 'धन्यवाद कहना  सियासी टिप्पणी पर सख़्ती

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल होने जा रहे नवचयनित सिपाहियों को अब उनके प्रशिक्षण के दौरान शिष्टाचार और बेहतर नागरिक व्यवहार की शिक्षा दी जाएगी। इसके तहत, उन्हें गलती पर माफी मांगना और मदद के लिए धन्यवाद देना सिखाया जाएगा, ताकि वे जनता के साथ सकारात्मक संबंध बना सकें। साथ ही, उन्हें सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी करने से सख़्ती से रोका जाएगा, जिसे अनुशासनहीनता माना जाएगा।


सकारात्मक व्यवहार का प्रशिक्षण

पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अब सिपाहियों को खेद प्रकट करना भी सिखाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, तलाशी लेने से पहले या गिरफ्तारी के समय 'क्षमा करिएगा/माफ करिएगा' जैसे संबोधन का उपयोग उचित बताया गया है। इसके अलावा, नागरिकों द्वारा किए गए किसी भी सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद देने का अभ्यास कराया जाएगा। यह पहल पुलिस और जनता के बीच के रिश्ते को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी और अनुशासनहीनता पर सख़्त कार्रवाई

प्रशिक्षण के दौरान सिपाहियों को यह भी स्पष्ट निर्देश दिए जाएँगे कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की सियासी टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कोई भी अनैतिक टिप्पणी या हड़ताल/प्रदर्शन के लिए उकसाने वाले संदेश जारी करने पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले सिपाहियों के खिलाफ सत्र से निलंबन और निष्कासन, यहाँ तक कि सेवा से हटाए जाने तक की कार्रवाई भी हो सकती है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड और अपील) नियमावली, 1991 के तहत की जाएगी। संस्था के प्रमुख को आरोपों की जांच सात दिन में पूरी कर रिपोर्ट डीजी ट्रेनिंग को भेजनी होगी। यदि अपराध सिपाही के पद के योग्य नहीं पाया जाता है, तो रिपोर्ट डीजीपी तक भेजी जाएगी।


अन्य महत्वपूर्ण निर्देश

प्रशिक्षण नियमों के मुताबिक, नवचयनित सिपाही यदि अपने पूर्व आपराधिक इतिहास को छुपाने के दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसी तरह, प्रशिक्षण संस्थान के संकाय सदस्यों, स्टाफ या कर्मचारियों पर हमला करना, अभद्र एवं अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना, अनुशासनहीनता और अवज्ञा के लिए उकसाना, या शराब/मादक पदार्थों का सेवन करना भी गंभीर अपराध माना जाएगा, जिस पर कड़ी कार्रवाई होगी।

यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों द्वारा सिपाहियों के आत्मसम्मान का भी ध्यान रखा जाए, ताकि उनमें हीनभावना न पनपने पाए। इसका उद्देश्य यह है कि वे सेवा में आने पर नागरिकों के साथ भी सम्मानपूर्वक व्यवहार करें। इसके अलावा, प्रशिक्षुओं में अपने कृत्यों की जिम्मेदारी लेने का साहस भी पैदा किया जाएगा।

यह नई प्रशिक्षण नीति यूपी पुलिस की छवि सुधारने और उसे जनता के प्रति अधिक संवेदनशील और अनुशासित बनाने का प्रयास है।