ये तो अपनी बेटी है...' ऑपरेशन सिंदूर पर कर्नल सोफिया कुरैशी को देख 85 साल की मौसी के छलके आंसू
ऑपरेशन सिंदूर पर कर्नल सोफिया कुरैशी को टीवी पर देख 85 साल की मौसी जन्नतुन खातून की आंखें छल गईं। बचपन की यादें ताजा करते हुए उन्होंने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही। पढ़ें पूरी खबर।

सोफिया कुरैशी की खबर
हमीरपुर: भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर पूरे देश में गर्व का माहौल है। इसी बीच, हमीरपुर शहर की 85 वर्षीय मुस्लिम महिला जन्नतुन खातून की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्होंने टीवी पर कर्नल सोफिया कुरैशी को इस ऑपरेशन के बारे में बात करते हुए देखा। उनकी आंखें भर आईं और उन्होंने गर्व से कहा, "अरे, ये तो अपनी बेटी है, जिसे बचपन में गोद में खिलाया था।"
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अपनी राय व्यक्त करते हुए जन्नतुन खातून ने कहा कि पहलगाम में जिस तरह की बर्बरता की गई है, उसके बाद पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिटा देना चाहिए, क्योंकि वह सुधरने वाला नहीं है।
झांसी की बेटी, हमीरपुर में पली-बढ़ी:
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से बुंदेलखंड के झांसी जिले की रहने वाली हैं। उनकी सगी मौसी जन्नतुन खातून हमीरपुर नगर के किंगरोड इलाके में अपने पुत्र मोहम्मद अशरफ के साथ रहती हैं, जो वहां रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाते हैं।
जन्नतुन खातून ने बताया कि उनकी बहन हलीमा की जुड़वां बेटियां हुईं थीं, जिनमें से एक का नाम सोफिया कुरैशी और दूसरी का नाम शायना रखा गया। उन्होंने बताया कि सोफिया बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थीं। टीवी पर कर्नल सोफिया को देखकर भावुक हुईं बुजुर्ग मौसी ने यादें ताजा करते हुए कहा कि सोफिया और उनकी बहन शायना का बचपन उनकी गोद में ही बीता है। दोनों बच्चियां उनकी गोद में खूब खेली हैं।
बचपन से था फौज में जाने का सपना:
पचासी वर्षीय जन्नतुन खातून ने बताया कि सोफिया का बचपन से ही भारतीय सेना में अफसर बनने का सपना था, जिसे उन्होंने साकार कर परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि सोफिया की मां हलीमा का विवाह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव में हुआ था। उनके पिता ताज मोहम्मद भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सोफिया आज देश का गौरव बढ़ा रही हैं।
पहलगाम पर फूटा गुस्सा, मिटाने की कही बात:
'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर टीवी पर कर्नल सोफिया कुरैशी को देखकर जन्नतुन खातून की भावनाएं उमड़ पड़ीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "अरे ये तो मेरी बेटी है, जिसे मैंने बचपन में गोद में खिलाया है।" भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा और उसका तो नामोनिशान ही मिटा देना चाहिए, ताकि पहलगाम जैसी आतंकी घटनाएं दोबारा न हों।
एक मौसी का अपनी बहादुर भतीजी के प्रति यह गर्व और देश के प्रति चिंता का भाव हर भारतीय के दिल को छू गया। कर्नल सोफिया कुरैशी न सिर्फ भारतीय सेना में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, बल्कि अपनी मौसी और पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं।