Harpy Drone Price: हार्पी ड्रोन से पाकिस्तान में हड़कंप, भारत ने एयर डिफेंस को किया ध्वस्त, जानें कितनी है कीमत
भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने के लिए हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया। जानिए इस शक्तिशाली ड्रोन की कीमत, ताकत और ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। मंगलवार रात भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को बौखला दिया है। इसके जवाब में गुरुवार को पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस बार भारत ने जवाबी कार्रवाई में जिस हथियार का इस्तेमाल किया, उसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी—हार्पी ड्रोन (Harpy Drone)।
क्या है हार्पी ड्रोन?
हार्पी एक खतरनाक एंटी-रेडिएशन ड्रोन है जिसे इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है। यह ड्रोन दुश्मन के रडार सिस्टम को खोजकर खुद से ही उस पर हमला करता है। यह आत्मघाती ड्रोन (Suicide Drone) भी कहलाता है क्योंकि यह टारगेट पर टकरा कर खुद को विस्फोटित कर देता है।
ड्रोन की कीमत कितनी है?
भारत ने पहली बार 2009 में इजराइल से ये ड्रोन खरीदे थे। उस वक्त 100 मिलियन डॉलर (करीब 850 करोड़ रुपये) में 10 ड्रोन का सौदा हुआ था। यानी एक हार्पी ड्रोन की कीमत करीब 10 मिलियन डॉलर (लगभग 85 करोड़ रुपये) है। 2019 में भारत ने और भी बड़ी संख्या में ये ड्रोन खरीदे थे, जिससे इसके बेड़े में इजाफा हुआ।
हार्पी ड्रोन की खासियतें:
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एंटी-रेडिएशन सीकर: यह तकनीक हार्पी को दुश्मन के रडार सिस्टम को ट्रैक करने और उस पर हमला करने में सक्षम बनाती है।
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ऑटोमेटेड ऑपरेशन: हार्पी पूरी तरह से स्वचालित है और बिना मानव हस्तक्षेप के रडार को खोज सकता है।
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9 घंटे तक उड़ान: यह ड्रोन करीब 9 घंटे तक हवा में उड़ान भर सकता है।
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हर मौसम में सक्रिय: चाहे दिन हो या रात, बारिश हो या आंधी, यह हर परिस्थिति में काम करने में सक्षम है।
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GNSS की जरूरत नहीं: ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के बिना भी यह अपने लक्ष्य को भेद सकता है।
कैसे किया हमला?
गुरुवार को भारत ने सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाकर हार्पी ड्रोन से हमला किया। इस ड्रोन ने दुश्मन के रडार सिस्टम को तबाह कर दिया, जिससे पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को बड़ा नुकसान हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की बड़ी कार्रवाई
मंगलवार रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस अभियान में 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह किया गया। यह ऑपरेशन बेहद गुप्त था और इसका खुलासा बुधवार को हुआ।
पाकिस्तान की बौखलाहट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारतीय सीमा पर फायरिंग शुरू कर दी। 7 मई की रात को पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। इसमें अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे स्थान शामिल थे।
पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों की मदद से इन ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, जिसका भारतीय वायुसेना और थलसेना ने त्वरित जवाब दिया।
क्या कहता है सैन्य विशेषज्ञों का मत?
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हार्पी ड्रोन जैसे हथियारों की मदद से भारत अब "नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर" की दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें सटीकता और त्वरित प्रतिक्रिया मुख्य हथियार हैं। हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति भी अपनाने लगा है।
भारत का इजराइल पर भरोसा
भारत और इजराइल के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। हार्पी ड्रोन से पहले भी भारत ने हेरॉन ड्रोन, स्पाइक मिसाइल, और हार्पोन मिसाइल सिस्टम जैसे कई हाई-टेक हथियार इजराइल से खरीदे हैं। इससे साफ है कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत सहयोगियों की मदद ले रहा है।
निष्कर्ष:
हार्पी ड्रोन का पाकिस्तान में इस्तेमाल एक बड़ा रणनीतिक संदेश है कि भारत अब हमलों का जवाब चुपचाप नहीं, बल्कि अत्याधुनिक हथियारों से देगा। करोड़ों की कीमत वाला यह ड्रोन पाकिस्तान की हवाई रक्षा को चकनाचूर कर चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान अब किस रणनीति से जवाब देने की कोशिश करता है।