"पहलगाम आतंकी हमला: ‘हिंदू हो क्या?’ – महाराष्ट्र युवक का सनसनीखेज दावा, कहा- संदिग्ध से हमले से एक दिन पहले हुई थी बात"
Meta Description: पहलगाम आतंकी हमले से पहले संदिग्ध से हुई बातचीत का दावा कर महाराष्ट्र युवक आदर्श राउत ने सनसनी मचा दी है। जानिए पूरा मामला और जांच में उसका क्या हो सकता है योगदान।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर अब एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले आदर्श राउत नामक युवक ने दावा किया है कि आतंकी हमले से ठीक एक दिन पहले उसकी मुलाकात एक संदिग्ध व्यक्ति से हुई थी, जो अब एनआईए द्वारा जारी संदिग्ध स्केच से मेल खाता है।
पूरा देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से आक्रोशित है। इस नृशंस वारदात में 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली गई। वहीं अब आदर्श राउत नामक युवक का दावा इस हमले की जांच को एक नया मोड़ दे सकता है। आदर्श का कहना है कि उसने 21 अप्रैल को यानी हमले से एक दिन पहले बायसरन घाटी में एक अजनबी से बातचीत की थी, जिसकी बातें उसे उस समय तो अजीब लगीं, लेकिन अगले दिन हुए हमले ने उसकी चिंताओं को सच साबित कर दिया।
‘हिंदू हो क्या? कश्मीरी नहीं लगते’ – आतंक का संकेत?
राउत ने बताया कि वह 21 अप्रैल को बायसरन घाटी में घुड़सवारी करने गया था। थकान के बाद वह एक मैगी स्टॉल पर रुका। तभी एक व्यक्ति उसके पास आया और संदेहजनक लहजे में पूछा, "हिंदू हो क्या? तुम कश्मीरी नहीं लगते।" राउत के मुताबिक, यह सुनते ही वह थोड़ा असहज हुआ और बातचीत समाप्त करने की कोशिश की। लेकिन वही व्यक्ति अपने एक अन्य साथी से कहता है, "आज भीड़ कम है।"
राउत ने कहा कि उसे उस समय इन बातों का मतलब नहीं समझ आया, लेकिन जब अगले दिन आतंकियों ने लोगों के धर्म पूछकर गोलियां बरसाईं, तब वह कांप उठा।
एनआईए को भेजी पूरी जानकारी
राउत ने यह भी बताया कि हमले के बाद जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए, तो उनमें से एक चेहरा उसी व्यक्ति से मिलता-जुलता था जिससे वह मिला था। इसके बाद उसने तुरंत एनआईए को एक विस्तृत ईमेल भेजा, जिसमें उसने लोकेशन, समय, बातचीत का विवरण और अन्य साक्ष्य दिए।
राउत ने कहा कि उसने स्टॉल वाले से पैसे उधार लिए थे, क्योंकि नेटवर्क समस्या के कारण भुगतान नहीं कर पाया था। बाद में उसने उस दुकानदार से संपर्क कर डिजिटल भुगतान किया, जिससे उसकी मौजूदगी और उस दिन की घटना की पुष्टि संभव है।
राउत का संकल्प – 'जांच में करूंगा पूरा सहयोग'
आदर्श राउत ने कहा कि अगर जांच एजेंसियां उससे संपर्क करती हैं, तो वह पूर्ण सहयोग के लिए तैयार है। अभी तक एनआईए की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस नए गवाह और उसके ब्योरे से जांच को नई दिशा मिल सकती है।
पहलगाम हमला: घटना की भयावहता
22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम के बायसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर सेना की वर्दी में थे। उन्होंने पर्यटकों से धर्म पूछा, पहचान पत्र मांगे और 'हिंदू' होने की पुष्टि पर सीधे गोली चला दी। मृतकों में 26 लोग शामिल हैं, जिनमें अधिकांश पर्यटक हैं, दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी मारे गए।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस कायरतापूर्ण हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी गुट टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली है। यह हमला श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले किया गया, जो सुरक्षाबलों को एक सीधी चुनौती माना जा रहा है। इस वारदात को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले की जांच में आदर्श राउत की गवाही अहम साबित हो सकती है। उसकी तत्परता और जागरूकता ने न सिर्फ संदिग्ध की पहचान के प्रयासों को बल दिया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि आम नागरिक की सतर्कता आतंक के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। अब देश को जांच एजेंसियों की अगली कार्रवाई का इंतजार है।
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