Hemkund Sahib Yatra 2025: सेना ने हिमखंड काटकर बनाया रास्ता, अरदास के बाद खोला गया गेट
हेमकुंड साहिब यात्रा 2025 के लिए सेना ने हिमखंडों को काटकर रास्ता तैयार किया। खराब मौसम के बावजूद, सेना के जवानों ने गुरुद्वारे के पास पहुंचकर अरदास पढ़ी और यात्रा की तैयारियां जारी रखी हैं।

हेमकुंड साहिब:
हेमकुंड साहिब की यात्रा 2025 के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं, और सेना के जवानों द्वारा बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है। पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के बावजूद, भारतीय सेना के जवानों ने बर्फ के बीच रास्ता बनाने का काम तेज़ी से किया है ताकि श्रद्धालु 25 मई से शुरू होने वाली यात्रा में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करें।
सेना के जवानों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद हेमकुंड साहिब के गुरुद्वारे तक पहुंचने का रास्ता तैयार किया। गुरुद्वारे के पास पहुंचने पर, सबसे पहले जवानों ने अरदास पढ़ी और फिर गेट खोला गया। अब जवानों का एक दल वहां रहेगा और यात्रा शुरू होने तक हेमकुंड साहिब में बर्फ हटाकर व्यवस्था को दुरुस्त करेगा।
सेना की कड़ी मेहनत और संघर्ष
जैसा कि हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए खुलने वाले हैं, सेना के जवान आस्था पथ से बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं। खराब मौसम के बावजूद, यह कार्य बिना रुकावट के जारी है। सेना के जवानों ने सीढ़ी वाले मार्ग से बर्फ हटा दी है, और अब घोड़े वाले मार्ग से बर्फ हटाने का काम चल रहा है। इस समय तक, आस्था पथ पर चार बैंड से बर्फ हटाई जा चुकी है।
हेमकुंड साहिब के लंगर हॉल के पास भी बर्फ को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। हालांकि, सेना के जवानों को कुछ जगहों पर मौसम के खराब होने के कारण मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन उन्होंने पूरे उत्साह से काम जारी रखा है।
यात्रा की तैयारियाँ और बाधाएँ
जहां एक ओर सेना का बर्फ हटाने का कार्य जारी है, वहीं दूसरी ओर यात्रा की अन्य तैयारियाँ भी बाधाओं का सामना कर रही हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने में अभी 17 दिन का समय बाकी है, और यात्रा मार्ग पर कुछ स्थानों पर व्यवस्थाएं अभी भी सुचारु नहीं हो पाई हैं।
गोविंदघाट से घांघरिया तक पानी, संचार और बिजली की व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं हो पाई है। इस बीच, गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर एक नया बैली ब्रिज निर्माणाधीन है, जिसकी वजह से यात्रा मार्ग पर व्यवधान आ रहा है। इस ब्रिज के निर्माण में हो रही देरी के कारण यात्रा की तैयारियाँ प्रभावित हो रही हैं।
इसके अलावा, घांघरिया के होटल व्यवसायियों को खाद्य सामग्री आपूर्ति में कठिनाई हो रही है क्योंकि ब्रिज की स्थिति सुचारु नहीं है। पेयजल, संचार सेवा और विद्युत व्यवस्था में भी देरी है।
पुल और अन्य व्यवस्थाओं में देरी
5 मार्च को गोविंदघाट में चट्टान से भूस्खलन होने के बाद बने मोटर पुल को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद, लोक निर्माण विभाग ने एक नया 48 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाने का काम शुरू किया, लेकिन अभी तक सिर्फ ब्रिज का ढांचा ही तैयार हो पाया है, और पुल का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके चलते घोड़े और खच्चरों की आवाजाही में भी दिक्कतें आ रही हैं।
हालांकि, नदी पर एक पैदल पुल बनाया गया है, जिससे श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं, लेकिन घोड़े और खच्चरों को यात्रा मार्ग पर अनुमति नहीं मिल रही है।
सेवा और समर्पण के बीच
इस सब के बावजूद, भारतीय सेना के जवानों ने अपने समर्पण और सेवा भावना से यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो। हेमकुंड साहिब यात्रा के उद्घाटन में अब केवल कुछ ही दिन बाकी हैं, और सेना इस कठिन समय में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटी हुई है।
गुरुद्वारे में व्यवस्थाएं भी सुचारु करने के प्रयास जारी हैं, और जल्द ही सभी तैयारियाँ पूरी कर ली जाएंगी। हेमकुंड साहिब की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सेना की मेहनत और समर्पण एक प्रेरणा है।