Varanasi : काशी विश्वनाथ धाम में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में दिखा युद्ध और हवाई हमले से निपटने का अभ्यास

"काशी विश्वनाथ धाम में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में दिखा युद्ध और हवाई हमले से निपटने का अभ्यास, एनडीआरएफ ने दी ट्रेनिंग।"

Varanasi : काशी विश्वनाथ धाम में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में दिखा युद्ध और हवाई हमले से निपटने का अभ्यास

वाराणसी: भारत की सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके बड़ी सफलता हासिल की है। पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले का बदला लेने के बाद, अब देश भर में गृह मंत्रालय के आदेशानुसार युद्ध या हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखा जा रहा है। इसी कड़ी में, बुधवार की दोपहर वाराणसी का विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ धाम भी सायरन की आवाज से गूंज उठा।

अचानक बजे सायरन से आसपास के लोग थोड़े चौकन्ने जरूर हुए, लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह मॉक ड्रिल (अभ्यास) का हिस्सा है, तो उनमें भी इसे करीब से जानने की उत्सुकता बढ़ गई। आखिर, अपने प्रिय काशी विश्वनाथ धाम में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की तैयारी कैसी है, यह जानना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण था।

काशी विश्वनाथ धाम: आपात स्थिति से निपटने की दी गई ट्रेनिंग:

इस मॉक ड्रिल के दौरान, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने काशी विश्वनाथ धाम में मौजूद लोगों को आपात स्थितियों से निपटने के तरीके बताए और उन्हें जागरूक किया। लोगों को हवाई हमले से बचाव की ट्रेनिंग दी गई। मॉक हमले के बाद सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट रहने का संदेश दिया गया।

इसके साथ ही, अगर कहीं आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए, इसकी भी आम नागरिकों को ट्रेनिंग दी गई। घायलों को घटनास्थल से निकालकर अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने के तरीकों से लेकर बम निस्तारण की प्रक्रिया, मेडिकल कैंप की स्थापना और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने के महत्वपूर्ण टिप्स भी साझा किए गए।

मॉक ड्रिल को और भी वास्तविक बनाने के लिए, भगदड़ का दृश्य भी तैयार किया गया। जवान घायलों को घटनास्थल से बाहर निकालकर अस्थायी मेडिकल पोस्ट पर लाते हुए दिखाई दिए। प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया और फिर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया भी समझाई गई। इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य यही था कि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सके।

काशी विश्वनाथ धाम जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन यह दर्शाता है कि प्रशासन हर तरह की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अभ्यास से न केवल सुरक्षा कर्मियों की तैयारियों का आकलन हुआ, बल्कि आम लोगों को भी आपात स्थितियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली, जिससे वे ऐसी परिस्थितियों में अधिक समझदारी और सावधानी से व्यवहार कर सकें।