Pahalgam Terror Attack: अब पाकिस्तान की खैर नहीं, जंगी जहाज INS Surat हजीरा पोर्ट पर तैनात
पहलगाम हमले के बाद भारत ने INS सूरत और INS विक्रांत की तैनाती कर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। ISI के लिए जासूसी कर रहे पठान खान की गिरफ्तारी से भी बड़ा खुलासा हुआ।

पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना अलर्ट, INS सूरत की तैनाती से पाकिस्तान को सख्त संदेश
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
भारत ने इस हमले के बाद सैन्य स्तर पर सतर्कता बढ़ा दी है। भारतीय नौसेना ने अपने उन्नत युद्धपोत INS सूरत को पहली बार गुजरात के हजीरा पोर्ट पर तैनात कर दिया है। नौसेना के कमांड अधिकारी कैप्टन संदीप शोरे ने जानकारी दी कि यह युद्धपोत सबसे शक्तिशाली विध्वंसक श्रेणी में आता है और किसी भी हवाई, समुद्री या पनडुब्बी लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है।
INS सूरत: भारत की समुद्री ताकत
INS सूरत अत्याधुनिक हथियारों, रडार और मिसाइल प्रणालियों से लैस है। इसमें हेलिकॉप्टरों की तैनाती भी संभव है, जो इसे समुद्री सुरक्षा के लिहाज से और भी घातक बनाता है।
इसके अलावा, भारत का स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत भी अरब सागर में तैनात कर दिया गया है। इससे पाकिस्तान को यह साफ संदेश गया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
सोशल मीडिया पर नौसेना का संदेश
भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर "Ekta mein shakti, purposeful presence" संदेश के साथ पोस्ट किया। इस पोस्ट के साथ हैशटैग थे -
#MissionReady #AnytimeAnywhereAnyhow
ISI के लिए जासूसी करने वाला गिरफ्तार
इस बीच, राजस्थान इंटेलिजेंस ने जैसलमेर के निवासी पठान खान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वर्ष 2013 में पाकिस्तान जाने के बाद वह वहां की खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया और उसे जासूसी का प्रशिक्षण मिला। वह भारतीय सीमा की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को देता रहा। 1 मई 2025 को उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल, थल और वायु तीनों सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं और देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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