कलर्स टीवी के शो 'नयनतारा' के दो वर्कर्स की सड़क हादसे में मौत: FWICE ने मेकर्स से मांगा मुआवजा
कलर्स टीवी के पॉपुलर शो ‘नयनतारा’ से जुड़े दो वर्कर्स, बृजेश (42) और गणेश (35), की शुक्रवार रात सड़क हादसे में मौत हो गई। FWICE के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने जानकारी दी और प्रोड्यूसर से मुआवजे की मांग की है।

कलर्स टीवी के लोकप्रिय शो ‘नयनतारा’ (Noyontara) से जुड़े दो वर्कर्स की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। मृतकों की पहचान बृजेश (42 वर्ष) और गणेश (35 वर्ष) के रूप में हुई है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने इस दुखद घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात (13 जून, 2025) शूटिंग के बाद दोनों अपने घर वापस लौट रहे थे, उसी दौरान एक सड़क हादसे में उनकी जान चली गई।
डंपर की टक्कर से हुई मौत
अशोक दुबे ने घटना का ब्योरा देते हुए कहा, “बृजेश और गणेश दोनों ही पैकअप होने के बाद रामदेव स्टूडियो (नायगांव) से स्कूटर से अपने घर जा रहे थे। सड़क पर एक डंपर ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी, जिसके बाद मौके पर ही दोनों की जान चली गई।” उन्होंने आगे बताया, “‘नयनतारा’ के मेकर्स ने फिल्म सिटी (गोरेगांव) में अपना परमानेंट सेट बनवा रखा है और सिर्फ एक दिन के लिए उन्होंने रामदेव स्टूडियो किराए पर लिया था और शूटिंग से लौटते वक्त यह हादसा हुआ।”
शो से जुड़े सूत्र और FWICE के बयान में भिन्नता
हमने इस मामले पर कलर्स टीवी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि, शो से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को उनके सेट पर छुट्टी थी और किसी तरह का कोई काम नहीं हो रहा था। दूसरी ओर, अशोक दुबे का कहना है कि वे दोनों ‘नयनतारा’ के सेट से ही लौट रहे थे।
प्रोड्यूसर से मुआवजे की मांग
अशोक दुबे ने यह भी कहा कि FWICE प्रोड्यूसर से मुआवजे की मांग करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम कानून के अनुसार मुआवजे की मांग ज़रूर करेंगे। प्रोड्यूसर मुआवजा देने के लिए बाध्य हैं।” ‘नयनतारा’ बंगाली पृष्ठभूमि पर आधारित एक डेली सोप है, जिसमें श्रुति बिष्ट, अर्जुन चक्रवर्ती, नारायणी शास्त्री जैसे कलाकार अहम किरदार निभा रहे हैं। जिन दो वर्कर्स की मौत हुई है, उनमें से एक सेट वर्कर और दूसरा क्रेन ऑपरेटर के तौर पर इस शो के सेट पर काम करता था। यह घटना फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले दिहाड़ी मज़दूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।