हवाई यात्रा में 'एयरप्लेन मोड' क्यों ज़रूरी? जानें क्या होता है अगर आप इसे ऑन न करें तो...

फ्लाइट में मोबाइल को एयरप्लेन मोड पर क्यों रखा जाता है? जानें इसके पीछे की असली वजह - यह विमान के नेविगेशन सिस्टम में रुकावट, सुरक्षा और कानूनी नियमों से जुड़ा है। क्या होता है अगर आप इसे ऑन न करें तो?

हवाई यात्रा में 'एयरप्लेन मोड' क्यों ज़रूरी? जानें क्या होता है अगर आप इसे ऑन न करें तो...
Flight Mode

जब भी आप फ्लाइट में बैठते हैं, टेक-ऑफ से पहले क्रू मेंबर्स बार-बार एक ही अनाउंसमेंट करते हैं: "कृपया अपने मोबाइल फोन को एयरप्लेन मोड पर कर लें।" लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? क्या इससे फ्लाइट को कोई वास्तविक खतरा होता है, या यह सिर्फ एक नियम है जिसे बस फॉलो करना होता है? आइए, हम आपको बताते हैं इसके पीछे की असली वजह, जिससे ज़्यादातर लोग अनजान हैं।


क्या है एयरप्लेन मोड?

एयरप्लेन मोड (Airplane Mode) एक मोबाइल सेटिंग है, जिसे ऑन करते ही आपके फोन की सभी वायरलेस कनेक्टिविटी जैसे वाईफाई (WiFi), मोबाइल नेटवर्क और ब्लूटूथ (Bluetooth) बंद हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि आपका फोन किसी भी तरह का सिग्नल भेजना या पाना बंद कर देता है।


फ्लाइट में क्यों ज़रूरी है एयरप्लेन मोड?

  1. नेविगेशन सिस्टम में रुकावट: फ्लाइट में पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच बहुत ही सटीक रेडियो सिग्नल और कम्युनिकेशन होता है। अगर सैकड़ों पैसेंजर्स अपने फोन का नेटवर्क चालू रखेंगे, तो इससे विमान के नेविगेशन और रेडियो सिस्टम में इंटरफेरेंस (हस्तक्षेप) हो सकता है। यह हस्तक्षेप पायलट के लिए महत्वपूर्ण जानकारी को बाधित कर सकता है।

  2. फ्लाइट की सेफ्टी: हालांकि अब एडवांस फ्लाइट्स में सेफ्टी सिस्टम काफी मजबूत होते हैं, लेकिन किसी भी तरह की तकनीकी समस्या से बचना ज़रूरी होता है। एयरप्लेन मोड ऑन करने से यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी नेटवर्क सिग्नल फ्लाइट के संवेदनशील सिस्टम में दखल न दे, जिससे उड़ान की सुरक्षा बनी रहे।

  3. तेज़ स्पीड और ऊँचाई: फ्लाइट जब 30,000 फीट की ऊँचाई पर होती है, तो वहाँ आपके मोबाइल नेटवर्क खुद ही काम करना बंद कर देते हैं। फोन लगातार नेटवर्क ढूंढता रहता है, जिससे बैटरी भी जल्दी खत्म होती है और नेटवर्क सिस्टम पर भी अनावश्यक लोड बढ़ता है।

  4. कानूनी नियम और एविएशन गाइडलाइंस: भारतीय DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस नियमों के मुताबिक, फ्लाइट में मोबाइल को एयरप्लेन मोड पर रखना ज़रूरी होता है। ये नियम यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही बनाए गए हैं।


क्या होगा अगर एयरप्लेन मोड ऑन न करें?

अगर आप एयरप्लेन मोड ऑन नहीं करते हैं, तो निम्नलिखित जोखिम हो सकते हैं:

  • तकनीकी समस्या (इंटरफेरेंस) का खतरा बढ़ सकता है।
  • पायलट और कंट्रोल टॉवर की बातचीत में रुकावट आ सकती है।
  • आपकी डिवाइस की बैटरी तेज़ी से खत्म हो सकती है।
  • कुछ देशों में नियम तोड़ने पर जुर्माना भी लग सकता है।

क्या WiFi इस्तेमाल कर सकते हैं?

आजकल कुछ फ्लाइट्स में इन-फ्लाइट वाईफाई (In-Flight WiFi) की सुविधा होती है। ऐसी स्थिति में एयरप्लेन मोड ऑन रखने के बाद भी आप वाईफाई से जुड़ सकते हैं और इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन मोबाइल नेटवर्क (सिम वाला इंटरनेट या कॉलिंग) फिर भी बंद ही रखना ज़रूरी होता है, क्योंकि इसका सीधा संबंध विमान के संचार प्रणालियों से हो सकता है।

संक्षेप में, एयरप्लेन मोड केवल एक "नियम" नहीं है, बल्कि यह आपकी और उड़ान में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है।