केंद्र ने 16वीं जनगणना की अधिसूचना जारी की: 2027 में दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया, जातीय जनगणना भी होगी शामिल
Kendra ne aaj 16th Census 2027 ke liye adhisoosana jaari ki. Yah do charanon mein poori hogi, jismein jaatiye janganana bhi shamil hai. 34 lakh paryavekshak aur mobile app ka upyog hoga.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज (सोमवार, 16 जून 2025) देश की 16वीं जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह अधिसूचना जारी की, जिसमें जातीय जनगणना को भी शामिल किया गया है। यह जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में साल 2027 में पूरी की जाएगी। यह भारत की कुल 16वीं और आजादी के बाद की 8वीं जनगणना होगी।
दो चरणों में पूरी होगी जनगणना की प्रक्रिया
जनगणना की प्रक्रिया को इस बार दो प्रमुख चरणों में बांटा गया है:
- पहला चरण (हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन - HLO): इस चरण में हर घर, उसकी संपत्ति और उनमें उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र की जाएगी।
- दूसरा चरण (जनसंख्या आकलन - PE): इस चरण में हर घर के प्रत्येक व्यक्ति की गिनती की जाएगी। इसके साथ ही व्यक्तियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और अन्य कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारी भी जुटाई जाएगी।
तैयारियों की समीक्षा और संदर्भ तारीखें
गृह मंत्री अमित शाह ने कल (रविवार, 15 जून 2025) दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 16वीं जनगणना की तैयारियों की समीक्षा बैठक की थी।
16वीं जनगणना की संदर्भ तारीखें भी निर्धारित कर दी गई हैं:
- लद्दाख जैसे बर्फीले और पहाड़ी इलाकों में यह 1 अक्टूबर, 2026 होगी।
- देश के शेष हिस्सों में संदर्भ तारीख 1 मार्च, 2027 होगी।
जनगणना कराने को लेकर अधिसूचना आज सरकारी राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।
34 लाख पर्यवेक्षक, मोबाइल एप्लीकेशन और डेटा सिक्योरिटी
गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस 16वीं जनगणना को संपन्न कराने के लिए करीब 34 लाख गणनाकार (enumerators) और पर्यवेक्षक (supervisors) के साथ-साथ लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी (Census Functionaries) तैनात किए जाएंगे।
सरकार की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया है कि इस बार जनगणना के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग भी किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाया जा सके। लोगों को स्व-गणना (self-enumeration) का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे स्वयं अपनी जानकारी दर्ज कर सकें।
जनगणना से जुड़े आंकड़ों के संरक्षण को लेकर मंत्रालय ने बहुत कड़े डेटा सिक्योरिटी उपायों को लागू करने का आश्वासन दिया है।
यह जनगणना लगभग 16 सालों के बाद कराई जा रही है। देश में पिछली जनगणना साल 2011 में की गई थी, लेकिन 2021 में कोरोना महामारी की वजह से जनगणना का काम समय से शुरू नहीं हो सका था, जिसके कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।