गोरखपुर जू में मौत का सिलसिला: 2 बाघ, तेंदुए और भेड़िए के बाद अब शेर भी हारा जिंदगी की जंग, कौन है जिम्मेदार?
गोरखपुर चिड़ियाघर में जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। 2 बाघ, तेंदुए, भेड़िए के बाद अब बब्बर शेर की भी मौत, बर्ड फ्लू की पुष्टि से हड़कंप, आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन?

गोरखपुर, शुक्रवार, 16 मई 2025। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित शहीद अशफाकउल्लाह खान प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में वन्य जीवों की रहस्यमय मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक महीने के भीतर दो बाघ, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत के बाद, अब गंभीर हालत में कानपुर चिड़ियाघर में इलाज के लिए भेजे गए बब्बर शेर 'पटौदी' ने भी गुरुवार को दम तोड़ दिया। इस बीच, एक मृत बाघिन 'शक्ति' में बर्ड फ्लू (H5 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) की पुष्टि होने से चिड़ियाघर प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर को तत्काल प्रभाव से 14 मई से 20 मई तक दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश के लखनऊ और कानपुर के चिड़ियाघरों तथा इटावा लॉयन सफारी में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
चिड़ियाघर प्रशासन की शुरुआती लापरवाही तब सामने आई जब यह जानकारी मिली कि परिसर में चार मृत कौवे पाए गए थे, जिन्हें कर्मचारियों ने बिना किसी को बताए फेंक दिया था। अब बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन हरकत में आया है और जांच शुरू कर दी गई है।
चिड़ियाघर से विशेष इलाज के लिए कानपुर भेजे गए 16 वर्षीय बब्बर शेर पटौदी की मौत ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। पटौदी को 11 मई को गोरखपुर से कानपुर भेजा गया था और उसकी रिपोर्ट में भी H5N1 (एवियन इन्फ्लूएंजा) पॉजिटिव पाया गया है।
चिड़ियाघर प्रशासन अब भोजन आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों से भी पूछताछ कर रहा है। एसफोर इन्फोकॉम के मालिक गोपाल राय को मटन, चिकन, फल और सब्जी का ठेका दिया गया है। पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि ठेकेदार से उन दुकानों की सूची मांगी गई है जहां से सामान लाया जाता है, ताकि वहां बिकने वाले मांस की जांच की जा सके और दुकानों को सैनिटाइज किया जा सके।
एहतियात के तौर पर पूरे उत्तर प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों को सात दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। गोरखपुर चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों के नमूने लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है। पूरे चिड़ियाघर परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है और सभी पशु-पक्षियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि बाघिन शक्ति की मौत के बाद पशु चिकित्सकों और वन विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी थी। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद ही चिड़ियाघर को बंद करने का फैसला लिया गया।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड फ्लू के महामारी बनने की आशंका अभी कम है। लेकिन अगर भविष्य में H5N1 वायरस में ऐसा कोई बदलाव होता है जिससे यह इंसानों से इंसानों में फैलने लगे, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। जानवरों और पक्षियों में इस बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं, लेकिन WHO के अनुसार फिलहाल इंसानों के लिए वैक्सीन की जरूरत नहीं है।
गोरखपुर चिड़ियाघर में एक के बाद एक हो रही इन मौतों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? क्या यह महज़ एक संयोग है या फिर कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई है? जांच के बाद ही इन सवालों के जवाब मिल पाएंगे, लेकिन फिलहाल चिड़ियाघर में पसरा मातम और वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।