अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बीजे मेडिकल कॉलेज में शवों की पहचान जारी, 230 से ज़्यादा DNA सैंपल इकट्ठे; परिजन परेशान
अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में एयर इंडिया AI 171 विमान हादसे के पीड़ितों के शवों की पहचान जारी है। अब तक 275 शव बरामद हुए हैं और 230 से अधिक डीएनए सैंपल एकत्र किए गए हैं। परिजन अपने प्रियजनों की तलाश में व्याकुल हैं, जबकि फॉरेंसिक टीमें पहचान प्रक्रिया में जुटी हैं।

अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में शनिवार (14 जून, 2025) को भी दिल दहला देने वाले दृश्य देखने को मिले, जहाँ विमान दुर्घटना के पीड़ितों के परिजन अपने प्रियजनों की तलाश में व्याकुल नज़र आए। एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 की भयावह दुर्घटना के तीन दिन बाद भी शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। इस हादसे में विमान में सवार एक व्यक्ति को छोड़कर सभी 272 यात्रियों और चालक दल के सदस्य मारे गए थे।
275 शव बरामद, पहचान बनी चुनौती
अब तक 275 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 241 शव फ्लाइट AI 171 के यात्रियों के माने जा रहे हैं। हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह जल गए हैं, जिससे उनकी पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया है। पीड़ितों के परिजनों को पहचान के लिए कपड़े, आभूषण और शारीरिक विशेषताओं जैसे सुरागों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि डीएनए परीक्षण ही एकमात्र विश्वसनीय तरीका है, जिससे मृतकों की पहचान की जा सकती है।
230 से ज़्यादा DNA सैंपल एकत्रित, फॉरेंसिक टीमें जुटीं
बीजे मेडिकल कॉलेज में अब तक 230 से अधिक डीएनए सैंपल एकत्र किए जा चुके हैं, जिनमें से छह सैंपल शनिवार सुबह लिए गए। अधिकारियों ने कहा कि डीएनए प्रोफाइलिंग का कार्य तेजी से जारी है, और परिणाम आते ही पीड़ित परिवारों को सूचित किया जाएगा।
गुजरात फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के निदेशक एचपी संघवी ने कहना है कि "दुर्घटना के दौरान आग की लपटों में सब कुछ तहस-नहस हो गया है। उसमें शवों की पहचान बहुत ही मुश्किल है।" उन्होंने कहा, “तेज लपटों और उच्च तापमान के कारण शवों के डीएनए तक प्रभावित हुए हैं। हम शरीर के संरक्षित हिस्सों से डीएनए सैंपल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।”
संघवी ने बताया कि एफएसएल की 36 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम और राष्ट्रीय फॉरेंसिक लैब मिलकर काम कर रही हैं। प्रत्येक डीएनए टेस्ट में लगभग 36 से 48 घंटे का समय लग रहा है और यह बैचों में किया जा रहा है। प्रोफाइल मिलान शुरू हो चुका है और कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
प्रियजनों की तलाश में भटक रहे परिजन, 'सिंगल विंडो सिस्टम' की व्यवस्था
दुर्घटना गुरुवार (12 जून, 2025) को उस समय हुई जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI 171) ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी ही थी कि कुछ ही मिनटों बाद वह मेघानीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और कैंटीन परिसर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जैसे ही दुर्घटना की खबर फैली, परिजन घबराए हुए अपने प्रियजनों को फोन करने लगे। कई लोग देशभर से और कुछ विदेशों से भी अहमदाबाद पहुँचे और प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं। प्रशासन ने परिजनों की सुविधा के लिए “सिंगल विंडो सिस्टम” की व्यवस्था की है, जिसके तहत पहचान की पुष्टि के बाद शव और मृत्यु प्रमाणपत्र सौंपे जाएंगे।
इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है और अब पीड़ित परिवारों की निगाहें इस इंतज़ार पर टिकी हैं कि कब उन्हें अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई देने का मौका मिलेगा।