जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद संसदीय समिति 28 जून से बैसरन घाटी का दौरा करेगी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, एक संसदीय समिति 28 जून से बैसरन घाटी का दौरा करेगी। यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। बीजेपी सांसद बृजलाल ने हमले में मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाने का भी सुझाव दिया है।

जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद संसदीय समिति 28 जून से बैसरन घाटी का दौरा करेगी
बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुआ था आंतकी हमला.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद अब एक संसदीय समिति घटनास्थल का दौरा करेगी। यह आतंकी हमले के बाद पहलगाम जाने वाली पहली संसदीय समिति होगी। 28 जून से इस दौरे की तैयारी है, जिसमें समिति के सदस्य सबसे पहले जम्मू पहुंचेंगे।


दौरा कार्यक्रम और बैठकों का विवरण

कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय मंत्रालयों से जुड़ी यह संसदीय समिति अपना दौरा जम्मू से शुरू करेगी। जम्मू पहुंचने पर समिति के सदस्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और फिर माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद, वे वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रीनगर जाएंगे, जहां भी समिति की बैठक होगी। इन बैठकों के उपरांत, समिति पहलगाम में बैसरन घाटी में आतंकी हमले की जगह का दौरा करेगी।


बैसरन घाटी में स्मारक बनाने का सुझाव

संसदीय समिति के सदस्य बैसरन घाटी में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देंगे। इस समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद बृजलाल हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें बैसरन घाटी में मारे गए पर्यटकों की याद में स्मारक बनाने का सुझाव भी दिया था। इस समिति को पिछले महीने ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करना था और 9 मई को श्रीनगर से दौरे की शुरुआत होनी थी। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के चलते यह दौरा टाल दिया गया था।


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान

उधर, आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य जारी रहेंगे। इससे प्रदेश की खुशहाली न चाहने वालों के मंसूबे नाकाम हो जाएंगे। अब्दुल्ला ने चेनाब नदी पर रेलवे पुल के उद्घाटन को एक ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि आशा है कि ऐसी विकासात्मक पहल जारी रहेंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि पहलगाम आतंकवादी हमले की वजह से पर्यटन उद्योग को जो झटका लगा है, उससे जल्द ही उबर जाएंगे। इससे पहले मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि वंदे भारत ट्रेन जम्मू-कश्मीर के लिए वरदान है, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

यह दौरा जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने और सुरक्षा के प्रति विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।