कैंची धाम भंडारे का अन्न क्यों नहीं होता कम? ट्रस्ट मैनेजर प्रदीप शाह ने बताया बाबा नीम करौली का 'अन्नपूर्णा' आशीर्वाद
Kainchi Dham sthapna diwas par लाखों bhakton ko bhojan karaya gaya, phir bhi bhandare ka anna kam nahi hua. Trust Manager Pradeep Shah ne bataya ki yeh Baba Neem Karoli ko Annapurna Mata se mile aashirwad ka nateeja hai.

नैनीताल, उत्तराखंड: बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम स्थापना दिवस (15 जून) पर लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान सबसे बड़ा आश्चर्य भक्तों और आयोजकों के लिए यह रहा कि लाखों लोगों को भोजन कराने के बावजूद भंडारे में अन्न की कभी कोई कमी नहीं आई। कैंची धाम ट्रस्ट के मैनेजर प्रदीप शाह ने इसके पीछे का रहस्य बताते हुए कहा कि यह बाबा नीम करौली का अन्नपूर्णा माता से मिला विशेष आशीर्वाद है।
अन्नपूर्णा माता का आशीर्वाद: कभी नहीं होगी अन्न की कमी
प्रदीप शाह ने बताया, "बाबा नीम करौली ने वर्षों पूर्व अन्नपूर्णा माता का आशीर्वाद लेकर भंडारे की शुरुआत करवाई थी। यही कारण है कि लाखों लोगों को भोजन कराए जाने के बावजूद कभी कोई कमी नहीं आती। उन्हें आशीर्वाद मिला था कि धाम में कभी अन्न की कमी नहीं आएगी।" इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और कहीं भी भीड़ या अव्यवस्था की शिकायत नहीं हुई।
कैंची धाम स्थापना दिवस पर उमड़ा जनसैलाब
15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की दो किलोमीटर से भी अधिक लंबी कतार लग गई थी। लेकिन, पुलिस और प्रशासन की शानदार व्यवस्था के चलते दर्शन शांतिपूर्ण और सहज रहे। लाखों की संख्या में पहुँचे श्रद्धालुओं ने सहजता से बाबा के दर्शन किए और भंडारे का प्रसाद प्राप्त किया।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने 600 शटल वाहन लगाए। भीमताल, भवाली, नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं के निजी वाहन रोककर उन्हें शटल के ज़रिए कैंची धाम भेजा गया। इस व्यवस्था की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिलाधिकारी (DM) स्वयं शटल सेवा से धाम पहुँचीं, ताकि व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जा सके।
मंदिर प्रशासन, नैनीताल ज़िला प्रशासन, पुलिस बल और हज़ारों सेवाधारकों ने मिलकर इतनी बड़ी भीड़ को इतनी सुव्यवस्थित तरीके से संभाला कि किसी को अव्यवस्था का आभास तक नहीं हुआ। नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा स्वयं मौके पर मौजूद रहे और लगातार सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी करते रहे।
श्रद्धालु पूरे आयोजन से अत्यंत संतुष्ट नज़र आए। एक श्रद्धालु ने कहा, "ऐसा लगा मानो बाबा स्वयं दर्शन व्यवस्था संभाल रहे हों।" कैंची धाम मेला अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि व्यवस्था और अनुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण बन चुका है। यह भक्तों के लिए कलियुग में प्रभु की कृपा का प्रत्यक्ष दर्शन जैसा अनुभव था।