वाराणसी: चौबेपुर थाना बना 'मनबढ़ई और भ्रष्टाचार का अड्डा'? पुलिस पर गंभीर आरोप

Varanasi ke Chaubepur thane par gambhir aarop: Ek lapata yuvak ki talash mein laparwahi, hatya ko durghatna batane aur vidhwa se kalyankar mein daroga ko bachane ka aarop. Janata ka bharosa tuta.

वाराणसी: चौबेपुर थाना बना 'मनबढ़ई और भ्रष्टाचार का अड्डा'? पुलिस पर गंभीर आरोप

वाराणसी: चौबेपुर थाना अब कानून-व्यवस्था का रक्षक कम, आरोपों और अनदेखी का पर्याय ज़्यादा बन चुका है। एक के बाद एक गंभीर मामलों में पुलिस की लापरवाही, प्रभाव में झुकने और असंवेदनशीलता की घटनाएँ सामने आ रही हैं। जनता में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह थाना मनबढ़ई और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है?


लापता युवक का मामला: कॉल डिटेल तक नहीं निकाली

रुस्तमपुर निवासी रामू यादव का बेटा विशाल यादव, जो हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा देने गया था, परीक्षा के बाद से लापता है। परिजनों ने तुरंत गुमशुदगी दर्ज कराई और संदिग्धों के नाम भी दिए, लेकिन आरोप है कि चौबेपुर पुलिस ने कॉल डिटेल तक निकालने की ज़हमत नहीं उठाई। न उसके बैंक खाते देखे गए, न ही संभावित संदिग्धों से पूछताछ की गई।

पीड़ित पिता रामू यादव का दर्द छलका, "अगर पुलिस समय पर गंभीर होती तो आज मेरा बेटा घर होता। अब डर है कि कुछ अनहोनी न हो गई हो।" परिजन इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त अपराध से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन युवक का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।


हत्या को 'हादसा' बताने का आरोप

एक बलिया निवासी परिवार ने चौबेपुर थाने पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक साफ़-साफ़ हत्या के मामले को चौबेपुर थाने ने महज़ ट्रेन दुर्घटना बताकर रफा-दफ़ा करने की कोशिश की

परिवार वालों ने इस बाबत उप मुख्यमंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों तक गुहार लगाई, लेकिन कथित तौर पर प्रभावशील थाना प्रभारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ितों का यह भी आरोप है कि उन्हें थाने में बैठाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।


विधवा से दुष्कर्म का मामला: आरोपी दरोगा को 'प्रशासनिक शील्ड'

थाने में दर्ज एक विधवा महिला से दुष्कर्म के गंभीर मामले में नामजद दरोगा पर मुकदमा तो पंजीकृत हुआ, लेकिन हैरानी की बात है कि उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोप है कि इस मामले को 'विभागीय मामला' बताकर आरोपी दरोगा को प्रशासनिक शील्ड दे दी गई। वहीं, पीड़िता को कई दिन तक घंटों थाने में बैठाकर परेशान किया गया।


चौबेपुर थाना की कार्यशैली पर गंभीर सवाल

लगातार सामने आ रही ये घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि चौबेपुर थाना जनता के भरोसे से कोसों दूर, प्रभाव में दबा हुआ, और एक असंवेदनशील व्यवस्था में तब्दील हो चुका है। पुलिस की इस तरह की कार्यशैली से वाराणसी कमिश्नरेट की छवि भी प्रभावित हो रही है।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस कमिश्नरेट ऐसे अधिकारियों पर कोई कठोर कार्रवाई करेगा, या चौबेपुर थाना यूं ही भ्रष्टाचार और अनदेखी का पर्याय बना रहेगा? क्या जनता का पुलिस पर भरोसा फिर से कायम हो पाएगा?