आईआईटी कानपुर: 'प्रोफेसर, रिसर्च छात्रा और मां...' अंकित यादव की आत्महत्या पर उठे गंभीर सवाल, पिता ने खोली परतें

IIT Kanpur ke student Ankit Yadav ki suicide mamle mein police ne court ke order par ek assistant professor, research chatra aur uski maa par mukadma darj kiya. Pitaji ne lagaye aarthik aur mansik shoshan ke aarop.

आईआईटी कानपुर: 'प्रोफेसर, रिसर्च छात्रा और मां...' अंकित यादव की आत्महत्या पर उठे गंभीर सवाल, पिता ने खोली परतें

कानपुर, उत्तर प्रदेश: आईआईटी कानपुर में रिसर्च छात्र अंकित यादव की आत्महत्या का मामला अब गहराता जा रहा है। उनके पिता की गुहार पर कोर्ट के आदेश के बाद, पुलिस ने एक असिस्टेंट प्रोफेसर, एक रिसर्च छात्रा और उसकी मां के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है। यह घटना न केवल आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान पर सवाल उठा रही है, बल्कि आधुनिक रिश्तों में पनपते आर्थिक और मानसिक शोषण के भयावह सच को भी सामने ला रही है।


क्या हुआ था अंकित के साथ?

आजमगढ़ जिले के उफरी गांव के 25 वर्षीय अंकित यादव, जो आईआईटी कानपुर में रसायन विज्ञान के रिसर्च छात्र थे, ने बीती 10 फरवरी को अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पिता रामसूरत यादव ने पुलिस और प्रशासन के उदासीन रवैये के बाद अंततः कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जिसके बाद यह FIR दर्ज हो पाई है।


पिता के आरोप: आर्थिक शोषण से ब्लैकमेलिंग तक

अंकित के पिता रामसूरत यादव के आरोप बेहद गंभीर हैं। उनका कहना है कि दिल्ली के द्वारिका निवासी रिसर्च छात्रा योगिता यादव, जो अंकित की लैबमेट थी, ने उनके बेटे का आर्थिक और मानसिक शोषण किया।

रामसूरत के अनुसार, योगिता ने अंकित से संबंध बनाकर उनसे पैसे ऐंठने शुरू कर दिए। हालात ऐसे बने कि दबाव में अंकित को पर्सनल लोन तक लेना पड़ा, जिससे उसने योगिता को 50 हज़ार रुपये दिए। जब रामसूरत यादव को इसकी भनक लगी तो उन्होंने योगिता की मां मीरा यादव से शिकायत की। मीरा यादव ने माफ़ी मांगकर रकम तो लौटा दी, लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ।

पिता का आरोप है कि इसके बाद योगिता और मीरा यादव ने मिलकर अंकित को आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस मानसिक प्रताड़ना के अलावा, अंकित के रिसर्च गाइड, असिस्टेंट प्रोफेसर पार्थ सारथी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। पिता का कहना है कि प्रोफेसर सारथी ने अंकित को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया, जिससे वह और ज़्यादा तनाव में आ गया।

बताया जा रहा है कि योगिता और उनकी मां ने कथित तौर पर अंकित से पांच लाख रुपये की भी मांग की और ऐसा न करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इन सभी घटनाओं के चलते अंकित यादव गहरे तनाव में आ गए और अंततः उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। पुलिस को अंकित के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें बस इतना लिखा था, "मैं क्विट कर रहा हूं।"


पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह

अंकित के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मिलान तक नहीं कराया। हालांकि, अब कोर्ट के आदेश पर कल्याणपुर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला दिखाता है कि कैसे शिक्षा के पवित्र मंदिरों में भी ऐसे असामाजिक तत्व घुसपैठ कर सकते हैं और छात्रों को किस कदर मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ सकती हैं। इस घटना की गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी छात्र ऐसी परिस्थितियों का शिकार न हो। आईआईटी प्रशासन को भी अपने परिसरों में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा और शोषण के खिलाफ सख्त नीतियों को लागू करने पर विचार करना चाहिए।