यूपी: मथुरा में दो दरोगाओं की जांच में लापरवाही, कोर्ट ने कार्रवाई के दिए आदेश
Mathura mein UP Police ke do darogaon ki galti: Kishori mamle ki jaanch mein laparwahi, Court ne kiye karwai ke aadesh. SSP ko mila training dene ka nirdesh.

मथुरा, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक नाबालिग किशोरी को फुसलाकर ले जाने के मामले में दो पुलिस उप-निरीक्षकों (दरोगाओं) की लापरवाहीपूर्ण विवेचना (जांच) उन पर भारी पड़ गई है। बृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (महिला विरुद्ध अपराध, त्वरित न्यायालय कक्ष संख्या 1) ने दोनों दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही, एसएसपी को थाना प्रभारी और दरोगाओं को गुणवत्तापूर्ण विवेचना के लिए प्रशिक्षण दिलाने का भी निर्देश दिया गया है।
क्या था मामला?
यह मामला 7 अगस्त 2016 का है, जब थाना जमुनापार में गांव सिहोरा निवासी महेश उर्फ उमेश और राजू के खिलाफ एक नाबालिग को फुसलाकर ले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। पहले विवेचना एसआई जितेंद्र यादव ने की, और उसके बाद अनुराग प्रकाश दीक्षित ने जांच को आगे बढ़ाया।
विवेचना में मिली गंभीर खामियां
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, जब विवेचकों की गवाही हुई, तो उनकी गंभीर लापरवाही सामने आई। उन्होंने केस डायरी तक पूरी तरह से तैयार नहीं की और आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दीं। इन खामियों को देखते हुए, बृहस्पतिवार को कोर्ट ने दोनों विवेचकों को दोषपूर्ण विवेचना करने का दोषी ठहराया।
एसएसपी को मिले सख्त निर्देश
कोर्ट ने एसएसपी मथुरा को निर्देश दिया है कि वे दोषपूर्ण विवेचना करने वाले दोनों दरोगाओं के खिलाफ दंडित और विभागीय कार्रवाई करें। इसके साथ ही, इस कार्रवाई के संबंध में 30 दिन के भीतर कोर्ट को अवगत कराने के आदेश भी दिए गए हैं।
न्यायालय ने एसएसपी को यह भी निर्देश दिया कि वे थाना प्रभारी और दरोगाओं को विभागीय प्रशिक्षण दिलाएं ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति आईजी और डीआईजी आगरा जोन को भी भेजी है, जिससे मामले की गंभीरता समझी जा सके। यह फैसला पुलिस जांच की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।