Varanasi : वाराणसी में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में ब्लैक आउट, एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन अंधेरे में डूबे

"वाराणसी में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में ब्लैक आउट, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन समेत कई इलाके अंधेरे में डूबे, जानें क्या हुआ।"

Varanasi : वाराणसी में बजी खतरे की घंटी! मॉक ड्रिल में ब्लैक आउट, एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन अंधेरे में डूबे

                                                                                     बाबतपुर एयरपोर्ट पर ब्लैक आउट का असर

वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी में बुधवार को आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के दौरान, शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर ब्लैक आउट किया गया, जिससे कुछ देर के लिए लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ा। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशनों और पुलिस लाइन परिसर तक, विभिन्न जगहों पर अलग-अलग समय पर बिजली गुल कर दी गई, ताकि यह परखा जा सके कि आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था कितनी प्रभावी है।

इस मॉक ड्रिल का असर बुधवार शाम से ही दिखने लगा। बाबतपुर एयरपोर्ट पर शाम 7 बजे से 7 बजकर 15 मिनट तक यानी पूरे 15 मिनट के लिए ब्लैक आउट किया गया। इस दौरान कार्यवाहक एयरपोर्ट निदेशक भी मौजूद रहे और एयरपोर्ट के संपर्क मार्ग की लाइटें भी बंद कर दी गईं।

वहीं, शहर के बरेका (डीजल रेल इंजन कारखाना) परिसर में रात 8 बजे से 8 बजकर 10 मिनट तक 10 मिनट का ब्लैक आउट किया गया। इसके साथ ही, बरेका परिसर में रात 8 बजे एक विस्तृत मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया, जिसमें आपात स्थिति से निपटने के विभिन्न पहलुओं का अभ्यास किया गया।

                                                                               बनारस में ब्लैक आउट का असर

शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक, गोलघर पुरानी साड़ी मंडी में व्यापारियों ने रात 9 बजे ब्लैक आउट किया, जिससे इलाके में कुछ देर के लिए अंधेरा छा गया। पुलिस लाइन में रात 8 बजकर 40 मिनट पर ब्लैक आउट किया गया, जहां सुरक्षा कर्मियों ने आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन किया। काशी विद्यापीठ परिसर में भी बुधवार की देर शाम 7 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक एक घंटे के लिए ब्लैक आउट रहा, जिससे छात्रों और कर्मचारियों को अंधेरे में रहने का अनुभव हुआ।

इससे पहले, बुधवार सुबह 6 बजे पुलिस लाइन में सायरन बजाया गया। सायरन की आवाज सुनते ही आसपास के लोग सतर्क हो गए और खुद को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे, जो मॉक ड्रिल के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है।

                                                                            बनारस में ब्लैक आउट का असर

पुलिस लाइन में बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सिविल डिफेंस की टीमों ने संयुक्त रूप से हवाई हमले और बचाव का जीवंत प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों को हवाई हमले की स्थिति में खुद को बचाने के विभिन्न तरीके बताए गए। एनडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल में 'घायलों' को सुरक्षित बाहर निकाला और गैस सिलेंडर में आग लगने पर उसे बुझाने का भी प्रशिक्षण दिया।

उप सेनानायक, 11वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की उपस्थिति में रिजर्व पुलिस लाइंस कमिश्नरेट वाराणसी के परेड ग्राउंड में गृह मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुपालन में यह महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता को परखना था, ताकि किसी भी वास्तविक आपदा की स्थिति में जान-माल की हानि को कम किया जा सके।

वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहर में इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। ब्लैक आउट और अन्य आपातकालीन अभ्यासों के माध्यम से, न केवल सुरक्षा बलों की तैयारियों का आकलन किया जाता है, बल्कि आम नागरिकों को भी ऐसी स्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने का संदेश दिया जाता है।