वाराणसी: शीतलाष्टमी पर नमामि गंगे की आरती, स्वच्छता का दिव्य संदेश
शीतलाष्टमी के शुभ अवसर पर वाराणसी के सिद्ध पीठ माता शीतला धाम में नमामि गंगे ने भव्य आरती का आयोजन किया। रोगों के नाश की कामना के साथ स्वच्छता का संदेश भी दिया गया।

वाराणसी के आध्यात्मिक हृदयस्थल, तुलसीघाट स्थित सिद्ध पीठ माता शीतला धाम में आज शीतलाष्टमी का पावन पर्व भक्ति और स्वच्छता के एक अनूठे संगम का साक्षी बना। रोगों के समूल नाश की मंगलकामना के साथ, नमामि गंगे ने मां शीतला की दिव्य आरती का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण सहभागिता की।
इस विशेष अवसर पर, मां शीतला को श्रद्धापूर्वक विशेष भोग और प्रसाद अर्पित किया गया। भक्तों ने आरोग्य और अपने बच्चों के दीर्घायु जीवन के लिए मां से प्रार्थना की। नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने इस आध्यात्मिक आयोजन को स्वच्छता के एक महत्वपूर्ण संदेश के साथ जोड़ा। मंदिर परिसर और पवित्र गंगा घाट पर एक व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं को सफाई के महत्व से अवगत कराया गया और उन्हें इस पुण्य कार्य में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के सूत्रधार, नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने मां शीतला को रोगों का निवारण करने वाली देवी बताते हुए उनके हाथों में सजे कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्तों को स्वच्छता के प्रतीक के रूप में व्याख्यायित किया। उन्होंने कहा कि मां शीतला स्वयं हमें स्वच्छता की प्रेरणा देती हैं और इसी भावना के साथ यह आरती समस्त व्याधियों के अंत के लिए समर्पित है।
इस प्रेरणादायक आयोजन में शीतला मंदिर के महंत अविनाश पाण्डेय, मंदिर के सम्मानित आचार्य और पुजारीगण के साथ-साथ असंख्य भक्तगण भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर मां शीतला की आरती गाई और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। यह पहल न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने जन-जन तक स्वच्छता का दिव्य संदेश भी पहुंचाया, जिससे एक स्वस्थ और सुंदर समाज की नींव मजबूत हो सके।