Student was locked in a room: अंबेडकरनगर: टीचरों की लापरवाही! स्कूल के कमरे में बंद मासूम छात्र, ग्रामीणों ने निकाला; प्रिंसिपल सस्पेंड

अंबेडकरनगर में स्कूल के कमरे में छात्र को बंद करके चले गए प्रिंसिपल और टीचर, ग्रामीणों ने निकाला। बीएसए ने किया निलंबित। जानें पूरी खबर।

May 3, 2025 - 20:09
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Student was locked in a room: अंबेडकरनगर: टीचरों की लापरवाही! स्कूल के कमरे में बंद मासूम छात्र, ग्रामीणों ने निकाला; प्रिंसिपल सस्पेंड

Student was locked in a room: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां सिकंदरपुर के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों की घोर लापरवाही सामने आई है। छुट्टी के बाद ये लोग एक चौथी कक्षा के छात्र शिवम को स्कूल के कमरे में बंद करके अपने घर चले गए। बच्चे के रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। इस लापरवाही पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

यह घटना सिकंदरपुर प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को हुई। जब दोपहर में स्कूल की छुट्टी हुई, तो कक्षा चार का छात्र शिवम किसी कारणवश एक कमरे के अंदर ही रह गया। हैरानी की बात यह है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों ने कमरों और मुख्य गेट पर ताला लगाते समय इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया कि कोई बच्चा अंदर तो नहीं रह गया है।

जब काफी देर तक शिवम घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। इसी दौरान कुछ ग्रामीणों को स्कूल के अंदर से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने तुरंत दरवाजा खोला तो देखा कि शिवम कमरे में बंद है और बुरी तरह डरा हुआ है। ग्रामीणों ने शिवम को बाहर निकाला और उसके परिजनों को सूचना दी।

इस लापरवाही का ग्रामीणों ने वीडियो भी बना लिया, जिसमें मासूम शिवम यह बताता हुआ दिख रहा है कि वह दोपहर 12 बजे से कमरे में बंद है। इस घटना से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि स्कूल के अध्यापक अक्सर समय से पहले ही विद्यालय बंद करके चले जाते हैं।

खंड शिक्षाधिकारी हिमांशु मिश्रा ने इस मामले में प्रधानाध्यापक दयाराम से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने प्रधानाध्यापक दयाराम को निलंबित कर दिया है और खंड शिक्षा अधिकारी को इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।

इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मासूम बच्चे को इस तरह कमरे में बंद करके चले जाना घोर लापरवाही का उदाहरण है और इससे कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती थी। ग्रामीणों की सतर्कता से एक बड़ा हादसा टल गया। अब देखना होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और अन्य लापरवाह शिक्षकों पर क्या कार्रवाई की जाती है।

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