बागेश्वर बाबा का बड़ा बयान: 'लव जिहाद' की असली वजह हिंदू बेटियां, एक धीरेंद्र शास्त्री से कुछ नहीं होगा!
"बागेश्वर बाबा का बड़ा बयान: 'लव जिहाद' का मुख्य कारण हिंदू बेटियां, कहा - एक अकेले धीरेंद्र शास्त्री से कुछ नहीं होगा, हर घर में चाहिए।"

बागेश्वर बाबा
छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने 'लव जिहाद' और 'गजवा-ए-हिंद' को लेकर अपनी राय रखी है। उनका मानना है कि 'लव जिहाद' का मुख्य कारण हिंदू लड़कियों को सही संस्कार न देना है। उन्होंने कहा कि अकेले धीरेंद्र शास्त्री कुछ नहीं कर सकते, हर घर में धीरेंद्र शास्त्री की जरूरत है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने देश में बिगड़ते संस्कारों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह देश और बुंदेलखंड का दुर्भाग्य है कि आजकल बच्चों के संस्कार बिगड़ रहे हैं। उनके अनुसार, "लव जिहाद की एक बड़ी वजह यह है कि हम अपनी बच्चियों को सही संस्कार नहीं दे रहे हैं। अगर हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देंगे, तो वे किसी दूसरे धर्म की ओर आकर्षित नहीं होंगी।"
उन्होंने आगे जोर देकर कहा, "लव जिहाद की प्रमुख वजह हमें अपने बच्चियों को संस्कार देने होंगे कि वह किसी दूसरे मजहब के चक्कर में न पड़ें। हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देंगे तो, फिर वह किसी दूसरे मजबह की ओर नहीं जाएंगे।"
इतना ही नहीं, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि कुछ मुसलमानों की यह साजिश है कि इस देश को 'गजवा-ए-हिंद' बनाया जाए। उनकी मंशा है कि हिंदू डर जाएं और यहां से भाग जाएं। उन्होंने दुख जताया कि हिंदू इस बात को समझ नहीं रहा है और आज भी जात-पात के चक्कर में फंसा हुआ है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एक अकेला धीरेंद्र शास्त्री इस साजिश को नाकाम नहीं कर सकता, इसके लिए हर हिंदू घर में एक धीरेंद्र शास्त्री की जरूरत है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से पुरजोर अपील की कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। उनका मानना है कि अगर हर घर में अच्छे संस्कार होंगे, तो देश अपने आप सुरक्षित हो जाएगा। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने और जात-पात से ऊपर उठने का भी आह्वान किया, ताकि वे 'गजवा-ए-हिंद' की साजिश को सफलतापूर्वक विफल कर सकें।
बागेश्वर बाबा का यह बयान एक बार फिर समाज में 'लव जिहाद' और धार्मिक कट्टरता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस छेड़ सकता है। उनके समर्थकों का मानना है कि वे सही बात कह रहे हैं, वहीं उनके आलोचक इसे समाज में ध्रुवीकरण पैदा करने वाला बयान मान सकते हैं।
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