Attack On Pakistan: भारत की प्रतिक्रिया क्यों होगी अकल्पनीय? पाकिस्तान पर 3 तरह से एक्शन के संकेत, मिट्टी में मिलाने की तैयारी!
Attack On Pakistan: pahalgam atanki hamle ke baad bharat pakistan par teen tarah se action le sakta hai, jisse pakistan ko mitti mein milane ki taiyari hai.

Attack On Pakistan: पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले को 13 दिन बीत चुके हैं। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है, और पहलगाम में मारे गए 26 निर्दोषों में से 25 हिंदू थे। इस जघन्य कृत्य के बाद भारतीय सशस्त्र सेनाओं और सरकार की ओर से जो दृढ़ संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ लगता है कि इस नरसंहार के गुनहगारों और उनके आकाओं को उनकी करनी का फल भुगतने के लिए एक ठोस योजना तैयार है। ऐसा लगता है कि उन्हें मिट्टी में मिलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है और किसी भी वक्त इसके परिणाम सामने आ सकते हैं।
तीनों सेनाओं के प्रमुख लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी ऑपरेशनल तैयारियों और सीमा पर सुरक्षा की स्थिति से अवगत करा रहे हैं। कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत ने विश्व समुदाय को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि जब उसके नागरिकों की जान गई है, तो इसके दोषियों को कब और कैसे सजा देनी है, यह फैसला भी भारत ही करेगा। इसका सीधा अर्थ है कि हमारी सशस्त्र सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
पाकिस्तान पर 3 तरह से एक्शन के संकेत:
https://x.com/IndiannavyMedia/status/1918503079827157233?s=19
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछली दो बार पाकिस्तान को अलग-अलग तरीके से मुंहतोड़ जवाब दिया है। पहली बार उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस साहसिक कार्रवाई में भारतीय सेना के कमांडो ने PoK के अंदर कई किलोमीटर तक प्रवेश करके आतंकी प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्च पैडों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद, पुलवामा में हुए भयावह हमले का जवाब भारतीय वायुसेना ने दिया था। वायुसेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तान के अंदर 80 किलोमीटर से भी अधिक गहराई तक गए और आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले करके उन्हें राख में बदल दिया।
लेकिन, इस बार की सैन्य तैयारियों को देखकर ऐसा लगता है कि थल सेना (Indian Army), वायु सेना (Indian Air Force) और नौसेना (Indian Navy) तीनों ही अपने-अपने स्तर पर या फिर एक साथ मिलकर पाकिस्तान पर धावा बोलने के लिए तैयार हैं। यह एक अभूतपूर्व स्थिति है, जो पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी।
सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों की ताबड़तोड़ बैठकें:
रविवार को एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस उच्च-स्तरीय बैठक में वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों और पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न हुई सुरक्षा चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इससे पहले शनिवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर अपनी सेना की तैयारियों से उन्हें अवगत कराया था। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर जमीनी स्तर की तैयारियों की जानकारी दे सकते हैं। इन शीर्ष-स्तरीय मुलाकातों के साथ-साथ, सशस्त्र सेनाओं के भीतर भी उच्च स्तर पर गहन मंथन चल रहा है, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल और संयुक्त कार्रवाई की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
जवाबी कार्रवाई का क्या होगा तरीका?
जहां तक वायुसेना की बात है, तो पश्चिमी सीमा पर उसके शक्तिशाली लड़ाकू विमान लगातार लंबी दूरी की उड़ानें (fighter sorties) भर रहे हैं और पूरे एयर डिफेंस नेटवर्क को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के खिलाफ सीमित दायरे में आतंकियों और उनके संरक्षकों को कठोरतम सजा देने के सैन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। 29 अप्रैल को हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री पहले ही तीनों सेनाओं को जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट दे चुके हैं, जिसमें 'तरीका, टारगेट और टाइमिंग' तय करने का अधिकार भी उन्हें सौंप दिया गया है।
पाकिस्तानी सेना भी इस बात से भलीभांति परिचित है कि भारत कभी भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर सकता है। यही कारण है कि वह नियंत्रण रेखा (LoC) पर बार-बार अकारण गोलीबारी करके उकसाने वाली हरकतें कर रहा है, ताकि भारतीय तैयारियों का आकलन कर सके। हालांकि, भारतीय सेना भी उसके इन सीज फायर उल्लंघन के दुस्साहसों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। वहीं, इंडियन एयर फोर्स अपने स्तर पर लगातार कॉम्बैट एयर पेट्रोल (CAPs) मिशन को अंजाम दे रहा है, और पश्चिमी क्षेत्र के उसके एयरबेस पहले से ही हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
दुश्मन के लिए 'तबाही' है राफेल:
वायुसेना की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण पहलू उसके एयर बेस पर मौजूद ऑपरेशनल प्लेटफॉर्म की संख्या पर निर्भर करता है, जिसे ऑपरेशनल रेडिनेस प्लेटफॉर्म (ORPs) कहा जाता है। एक ORP में आमतौर पर 2 या 3 हथियारबंद लड़ाकू विमान होते हैं, जिन्हें रनवे के पास 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा जाता है। अलार्म बजते ही ये विमान तुरंत उड़ान भरने के लिए तैयार रहते हैं। 2019 के फरवरी में जब भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी ठिकाने को ध्वस्त किया था, तब उसके पास राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान नहीं थे।
राफेल एक अत्यंत शक्तिशाली लड़ाकू विमान है, जो लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। इसकी 'Scalp' मिसाइल 300 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक जमीन पर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकती है। इसके अलावा, इसमें Meteor मिसाइल भी है, जो हवा में 120 से 150 किलोमीटर तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम है। इसलिए, राफेल वास्तव में दुश्मन के लिए 'तबाही' का दूसरा नाम है।
समंदर से भी मच सकती है तबाही:
इससे पहले, भारतीय नौसेना ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक शक्तिशाली तस्वीर साझा की थी, जिसमें एक विध्वंसक युद्धपोत, एक पनडुब्बी और एक हेलीकॉप्टर एक साथ दिखाई दे रहे थे। नौसेना ने इसे 'नौसेना शक्ति का त्रिशूल' बताया था। इस तस्वीर में INS कोलकाता नामक एक शक्तिशाली विध्वंसक जहाज, ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) और स्कॉर्पीन श्रेणी की एक आधुनिक पनडुब्बी शामिल है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े हुए तनाव के बीच, नौसेना की यह तस्वीर बहुत कुछ कह रही है। पिछले हफ्ते ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक भारतीय युद्धपोत से कई एंटी-शिप मिसाइलों के सफल परीक्षण के वीडियो भी जारी किए थे, जो दुश्मन के लिए एक स्पष्ट चेतावनी थी कि भारत की समुद्री शक्ति भी किसी से कम नहीं है।
'आपकी इच्छा, जरूरी पूरी होगी':
भारतीय सशस्त्र सेना की इन व्यापक तैयारियों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा, "आप सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काम करने की शैली और दृढ़ता को जानते हैं। आपकी जो भी इच्छा है, वह जरूर पूरी होगी।" उनका यह कथन सरकार के मजबूत इरादे और सेना को पूरी छूट का स्पष्ट संकेत देता है।
वहीं, इस संवेदनशील मुद्दे पर ज्ञान बघेरने वाले कुछ यूरोपीय देशों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा, "हम दुनिया को देखते हैं। हम साथी ढूंढते हैं, उपदेशक नहीं...जो (यूरोप) घर पर कुछ और बाहर कुछ और करते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। हमें ऐसे लोगों की तलाश है जो सच में साथ दें।" उनका यह बयान यह दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की जान की कीमत पर किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
पहलगाम के गुनहगारों को अब अपनी करनी का फल भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। भारत की प्रतिक्रिया इस बार अकल्पनीय हो सकती है, जिसमें थल, जल और वायु सेना तीनों मिलकर दुश्मन को उसकी असली जगह दिखाने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।