संभल में नेशनल हाईवे से हटा अवैध अतिक्रमण: बुलडोजर ने मंदिर समेत 20 से अधिक अवैध कब्ज़े ध्वस्त किए
उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन ने बहजोई स्थित इस्लामनगर चौराहे पर नेशनल हाईवे से अवैध अतिक्रमण हटाया। बुलडोजर कार्रवाई में एक मंदिर सहित लगभग 20 स्थाई और अस्थाई कब्ज़ों को ध्वस्त किया गया। एसडीएम ने कहा कि यह कार्रवाई अतिक्रमण मुक्त होने तक जारी रहेगी।

उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में प्रशासन ने नेशनल हाईवे से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। संभल के बहजोई स्थित इस्लामनगर चौराहे पर नेशनल हाईवे की ज़मीन पर बने एक मंदिर को हटाया गया और उसके साथ ही लगभग 20 स्थाई व अस्थाई अवैध कब्ज़ों को भी ध्वस्त कर हाईवे को साफ़ कराया गया। इस कार्रवाई के दौरान देव प्रतिमाओं को सुरक्षित दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, संभल के बहजोई में इस्लामनगर चौराहे के पास आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे की ज़मीन पर अवैध रूप से निर्माण किया गया था। कुछ लोगों ने हाईवे की ज़मीन पर दुकानें बना रखी थीं, और वहीं एक मंदिर भी स्थित था। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए मंदिर को हटा दिया और इन अवैध दुकानों को भी ध्वस्त कर दिया। इस अतिक्रमण हटाओ अभियान से चौराहे पर अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया, और लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर हटाने में जुट गए।
अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर
प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई के साथ ही चौराहे पर अतिक्रमण हटाओ अभियान तेज़ी से शुरू कर दिया। हाईवे की ज़मीन पर अवैध रूप से बनाई गईं क़रीब दस दुकानें और लगभग इतने ही अस्थाई अतिक्रमणों को बुलडोजर ने ज़मींदोज़ कर दिया। प्रशासन ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में ही अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन चेतावनी के बावजूद न मानने वाले लोगों के अवैध कब्ज़ों पर बुलडोजर चला। अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई से पूरे इलाक़े में हड़कंप मच गया। प्रशासन का कहना है कि नेशनल हाईवे की ज़मीन को पूरी तरह से कब्ज़ा मुक्त कराया जाएगा।
एसडीएम का बयान
एसडीएम विनय मिश्रा ने बताया कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि पूरा अतिक्रमण हट नहीं जाता। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने लोगों को पहले ही अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन लोगों ने प्रशासन की बात को अनदेखा किया, जिसके बाद मजबूर होकर बुलडोजर कार्रवाई करनी पड़ी है। नेशनल हाईवे की ज़मीन को पूरी तरह से खाली कराया जा रहा है।
यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करते हैं, और यह दिखाता है कि प्रशासन इस मामले में सख्ती बरतने को तैयार है।