मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के दौरान आपको क्या करना होगा? जानें क्यों की जा रही है ऐसी तैयारी
Description: Pahalgaam hamle ke baad Bharat mein 7 May ko mock drill aur blackout hoga. Janiye Varanasi mein is dauran kya karna hoga aur kyon ho rahi hai yeh taiyari.

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में मॉक ड्रिल का निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के तहत कल यानी सात मई को देश में कई जगहों पर मॉक ड्रिल किया जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि, आखिर ऐसी तैयारी क्यों की जा रही है? और आम जनता को मॉक ड्रिल के दौरान क्या करना होगा? ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद देश भर में मॉक ड्रिल किया जाएगा। सात मई को होने वाले सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर आम जनता के मन में कई तरह के सवाल है। जैसे, ये मॉक ड्रिल क्यों हो रहा है?, कब किया जाना है?, इसमें कौन-कौन शामिल होगा? आम जनता को इस दौरान क्या-क्या करना होगा?
युद्ध और आपातकाल के दौरान किया जाता है मॉक ड्रिल
सबसे पहले आपको बता दें कि, सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आमतौर पर युद्ध और आपातकाल की स्थिति में की जाती है। जिसमें आम नागरिकों को इस दौरान होने वाल समस्याओं से बचने और उनसे निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच होने वाले इस मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को हवाई हमले के दौरान सायरन बजने पर लोगों को अलर्ट और एहतियात बरतते हुए सुरक्षित जगहों पर पहुंचने और छिपने की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं इस दौरान ब्लैकआउट प्रोटोकॉल भी लागू किया जाएगा, जिसमें घरों की लाइट पूरी तरह बंद करना या बिजली जाने की स्थिति में क्या करना होगा ये बताया जाएगा।
मॉक ड्रिल के दौरान इन चीजों का प्रशिक्षण दिया जाएगा:
- हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
- हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
- दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
- हमले के संभावित स्थानों को जल्दी खाली कराने का रिहर्सल।
इससे पहले देश में कब किया गया था मॉक ड्रिल?
भारत में आखिरी बार मॉक ड्रिल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई थी। उस समय हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए गए थे और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सचेत किया गया था। अब करीब 54 साल बाद कल देश में फिर से मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजाए जाएंगे।
सात मई को कैसे किया जाएगा मॉक ड्रिल?
गृह मंत्रालय के अनुसार, देश भर में करीब 300 जगहों (शहर और सिविल डिफेंस जिलों में) पर युद्ध के दौरान उत्पन्न होने वाली स्थिति और उनके बचाव के तरीकों की मॉक ड्रिल किया जाएगा। इन सभी जगहों को तीन कैटेगरी के आधार पर बांटा गया है। जिसमें कैटेगरी -1 में सबसे संवेदनशील जगहें शामिल है, कैटेगरी -2 में संवेदनशील जगहें है और कैटेगरी -3 में कम संवेदनशील जगहों को रखा गया है।
वाराणसी के निवासियों के लिए विशेष जानकारी:
चूंकि आप वाराणसी में हैं, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश के जिन 19 जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, उनमें वाराणसी भी शामिल है। इसलिए, कल वाराणसी में भी मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की स्थिति का अभ्यास किया जा सकता है।
वाराणसी में मॉक ड्रिल के दौरान आपको क्या करना होगा (संभावित निर्देश):
- सायरन बजने पर: यदि आप हवाई हमले की चेतावनी का सायरन सुनें, तो घबराएं नहीं। सतर्क रहें और तुरंत सुरक्षित स्थान की तलाश करें। यह कोई वास्तविक हमला नहीं, बल्कि एक अभ्यास है।
- सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें: पहले से चिन्हित किए गए सुरक्षित स्थानों (जैसे बंकर, मजबूत इमारतें, भूमिगत स्थान) पर पहुंचने का अभ्यास करें। यदि कोई चिन्हित स्थान नहीं है, तो किसी मजबूत इमारत के अंदरूनी हिस्से में, खिड़कियों से दूर रहें।
- ब्लैकआउट के दौरान: यदि ब्लैकआउट का अभ्यास किया जाता है, तो अपने घर की सभी लाइटें बंद कर दें। यदि आप बाहर हैं, तो सुरक्षित रूप से किसी इमारत के अंदर या किनारे पर रुकें। टॉर्च या अन्य वैकल्पिक प्रकाश स्रोतों का उपयोग करें।
- अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें: मॉक ड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस के अधिकारियों, पुलिस और अन्य आपातकालीन कर्मियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- शांत रहें: किसी भी स्थिति में शांति बनाए रखें और दूसरों को भी शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
- अफवाहों से बचें: सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से फैलने वाली किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
यह मॉक ड्रिल आपकी सुरक्षा और जागरूकता के लिए आयोजित की जा रही है। इसमें सक्रिय रूप से भाग लें और सीखें कि आपातकालीन स्थिति में खुद को और दूसरों को कैसे सुरक्षित रखना है।