स्कोडा ट्यूब्स में मॉर्गन स्टेनली की 'एग्जिट': 7.6 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, क्या है छोटे निवेशकों के लिए इसका मतलब?

मॉर्गन स्टेनली ने स्मॉलकैप कंपनी स्कोडा ट्यूब्स से अपनी 4.2 लाख शेयर (₹7.6 करोड़) की हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिए बेच दी है। शुक्रवार को डिस्काउंट पर हुई इस बिकवाली से निवेशकों के मन में कंपनी के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

स्कोडा ट्यूब्स में मॉर्गन स्टेनली की 'एग्जिट': 7.6 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, क्या है छोटे निवेशकों के लिए इसका मतलब?
मॉर्गन स्टेनली ने स्मॉलकैप कंपनी स्कोडा ट्यूब्स से अपनी हिस्सेदारी को अलविदा कह दिया है

मशहूर इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने स्मॉलकैप कंपनी स्कोडा ट्यूब्स (Scoda Tubes) से अपनी हिस्सेदारी को अलविदा कह दिया है। शुक्रवार (13 जून, 2025) को बाजार बंद होने के बाद खबर आई कि मॉर्गन स्टेनली ने स्कोडा ट्यूब्स के 4.2 लाख शेयर ब्लॉक डील के ज़रिए बेच दिए। इन शेयरों की कीमत करीब ₹7.6 करोड़ रुपये थी। ये सौदा मॉर्गन स्टेनली की सब्सिडियरी कंपनी मॉर्गन स्टेनली एशिया सिंगापुर पीटीई के ज़रिए हुआ। अब सवाल ये है कि आखिर मॉर्गन स्टेनली ने ये कदम क्यों उठाया? और इसका स्कोडा ट्यूब्स के शेयर और निवेशकों पर क्या असर होगा?


ब्लॉक डील का क्या है पूरा माजरा?

मॉर्गन स्टेनली ने स्कोडा ट्यूब्स के 4.2 लाख शेयरों को ₹181.42 प्रति शेयर की कीमत पर बेचा। अब अगर आप गुरुवार के बंद भाव से तुलना करें, तो वो था ₹186.11 प्रति शेयर। यानी, मॉर्गन स्टेनली ने ये शेयर करीब 2.5% डिस्काउंट पर बेचे। शुक्रवार को स्कोडा ट्यूब्स का शेयर 3% की गिरावट के साथ ₹179 के लेवल पर बंद हुआ। अब ये डिस्काउंट और शेयर की गिरावट देखकर निवेशकों के मन में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या स्कोडा ट्यूब्स का भविष्य अब धुंधला होने वाला है? या फिर ये बस एक रुटीन मार्केट मूव है? इसे समझने से पहले कंपनी के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।


क्या करती है स्कोडा ट्यूब्स?

स्कोडा ट्यूब्स कोई छोटा-मोटा नाम नहीं है। ये कंपनी स्टेनलेस स्टील ट्यूब्स और पाइप्स बनाने के बिज़नेस में 2008 से धमाल मचा रही है। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इसका बिज़नेस फैला हुआ है। कंपनी का शेयर अभी हाल ही में, 4 जून, 2025 को स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के वक्त शेयर की कीमत थी ₹140। और तब से लेकर अब तक, यानी महज कुछ ही हफ्तों में, इस शेयर ने तगड़ा रिटर्न दे दिया। यानी, जिन निवेशकों ने शुरू में पैसा लगाया, उनके चेहरे पर मुस्कान तो बनी ही होगी। लेकिन अब मॉर्गन स्टेनली की इस बिकवाली ने थोड़ा टेंशन बढ़ा दिया है। आखिर इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट बैंक क्यों पीछे हट रहा है?


स्कोडा ट्यूब्स का फाइनेंशियल स्कोरकार्ड

स्कोडा ट्यूब्स ने फाइनेंशियल ईयर 2024 के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) में ₹25 करोड़ का प्रॉफिट कमाया। रेवेन्यू की बात करें तो वो ₹361 करोड़ तक पहुँच गया। अगर हम पिछले सालों से तुलना करें, तो फाइनेंशियल ईयर 2023 के मुकाबले 2024 में कंपनी का प्रॉफिट 77% की उछाल के साथ ₹18 करोड़ हो गया था। रेवेन्यू भी 31% बढ़कर ₹400 करोड़ के लेवल पर पहुँच गया। यानी, कंपनी की ग्रोथ की रफ़्तार तो ठीक-ठाक दिख रही है।


तो फिर मॉर्गन स्टेनली को क्या दिक्कत हुई?

क्या ये बिकवाली कंपनी के परफॉरमेंस से जुड़ी है, या फिर कुछ और वजह है? मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई बार बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक अपनी पोर्टफोलियो रणनीति के तहत ऐसे कदम उठाते हैं। हो सकता है कि मॉर्गन स्टेनली को किसी और सेक्टर में ज्यादा मुनाफ़ा दिख रहा हो, या फिर वो अपने फंड्स को री-एलोकेट करना चाहता हो। लेकिन छोटे निवेशकों के लिए ये खबर थोड़ी परेशान करने वाली हो सकती है, क्योंकि जब कोई बड़ा प्लेयर हिस्सेदारी बेचता है, तो शेयर प्राइस पर दबाव बनना स्वाभाविक है। निवेशकों को कंपनी के फंडामेंटल्स पर नज़र बनाए रखनी चाहिए और किसी भी फैसले पर पहुँचने से पहले पूरी रिसर्च करनी चाहिए।