Ambedkar Nagar News : अंबेडकरनगर में स्कूल ड्रेस में छात्राएं चला रहीं फावड़ा, डीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश

अंबेडकरनगर: स्कूल ड्रेस में फावड़ा चलाती दिखीं छात्राएं, वीडियो वायरल, डीएम ने प्रिंसिपल पर कार्रवाई का दिया आदेश।

Ambedkar Nagar News :  अंबेडकरनगर में स्कूल ड्रेस में छात्राएं चला रहीं फावड़ा, डीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश

Ambedkar Nagar News : उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है। यहां राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, टांडा की दो छात्राओं को स्कूल की वर्दी में फावड़ा चलाकर हाईवे के किनारे मिट्टी साफ करते हुए देखा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।

वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि स्कूल की ड्रेस पहने दो छात्राएं फावड़ा लेकर कॉलेज के गेट के सामने हाईवे के किनारे मिट्टी की सफाई कर रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन छात्राओं से काम करवाने के लिए दो महिला शिक्षिकाएं भी मौके पर खड़ी हुई हैं। तेज गर्मी और चिलचिलाती धूप में छोटी बच्चियों से इस तरह का काम करवाना न केवल अमानवीय है, बल्कि शिक्षा के मंदिर को भी कलंकित करता है।

गरीब परिवारों की बेटियों को अच्छी शिक्षा मिल सके, इसी उद्देश्य से सरकार राजकीय विद्यालयों की स्थापना करती है। लेकिन अंबेडकरनगर के इस विद्यालय में छात्राओं से सड़क किनारे फावड़ा चलवाना शिक्षा के अधिकार का सीधा उल्लंघन है।

इस गंभीर मामले पर अंबेडकरनगर के जिलाधिकारी (डीएम) अनुपम शुक्ला ने तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि यह वीडियो उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने इस संबंध में कॉलेज के प्रिंसिपल से पूछताछ की है। प्रिंसिपल ने सफाई देते हुए कहा कि विद्यालय में समर कैंप चल रहा है, लेकिन उन्होंने छात्राओं को गेट के बाहर कोई भी काम करने के लिए मना किया था। डीएम ने प्रिंसिपल के इस स्पष्टीकरण को अस्वीकार्य मानते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यह घटना उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त खामियों को उजागर करती है और यह सवाल खड़ा करती है कि क्या सरकारी विद्यालयों में छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों का ध्यान रखा जा रहा है? वायरल वीडियो ने आम लोगों में भी आक्रोश पैदा कर दिया है और लोग स्कूल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।