Bihar: बिहार के लाल ने पाकिस्तान से लड़ते हुए दी शहादत, इम्तियाज की बेवा को पता तक नहीं - Sampann Bharat News (छपरा)
बिहार के छपरा के BSF सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद। पत्नी को शहादत की खबर नहीं, गांव में शोक की लहर।

Bihar छपरा: जम्मू-कश्मीर के आर.एस. पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में बिहार के छपरा जिले के नारायणपुर गांव के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। दुख की बात यह है कि उनकी पत्नी को अभी तक उनकी शहादत की खबर नहीं दी गई है; उन्हें केवल यह बताया गया है कि गिरने से उनके पैर में चोट आई है। मातृभूमि की रक्षा करते हुए इम्तियाज ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। उनकी शहादत की खबर से पूरे गांव में शोक और गर्व का माहौल है। BSF ने उनके शौर्य को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। आज जम्मू में उनका श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जाएगा। शहीद इम्तियाज अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
छपरा के लाल इम्तियाज शहीद:
10 मई, 2025 को पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। वे छपरा जिले के नारायणपुर गांव के निवासी थे और जम्मू-कश्मीर के आर.एस. पुरा सेक्टर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी शहादत की खबर उनकी पत्नी तक अभी नहीं पहुंची है, जिन्हें सिर्फ उनके पैर में चोट लगने की जानकारी दी गई है।
बिहार के लाल को BSF ने किया नमन:
BSF ने अपने आधिकारिक बयान में शहीद इम्तियाज के शौर्य को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "हम सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज की बहादुरी को सलाम करते हैं। उन्होंने देश सेवा में जो सर्वोच्च बलिदान दिया है, वह अविस्मरणीय रहेगा।" नारायणपुर गांव में इस दुखद खबर से मातम छा गया है। हर आंख नम है, लेकिन गांव को इस बात का गर्व भी है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। सोशल मीडिया से लेकर गांव की गलियों तक शहीद इम्तियाज की बहादुरी के किस्से गूंज रहे हैं।
बचपन के दोस्त भी गम में डूबे:
शहीद के बचपन के मित्र और जिला कांग्रेस अध्यक्ष बच्चू प्रसाद वीरु ने इम्तियाज को एक मिलनसार और हंसमुख व्यक्ति बताया, जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए आज, 11 मई को जम्मू के पलौरा स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें BSF के महानिदेशक, उच्च अधिकारीगण और जवान शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
तीन में से दो भाई सेना में:
मोहम्मद इम्तियाज एक ऐसे परिवार से थे, जहां देश सेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके तीन भाइयों में से दो भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि उनका तीसरा भाई विदेश में कार्यरत है। शहीद इम्तियाज अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों का परिवार छोड़ गए हैं, जिनके लिए यह क्षति असहनीय है। उनका बलिदान पूरे देश को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
इम्तियाज की शहादत युवाओं के लिए प्रेरणा:
BSF के महानिदेशक ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "मोहम्मद इम्तियाज की शहादत सिर्फ एक दुखद घटना नहीं है, बल्कि यह देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका साहस और देश के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति का सही अर्थ सिखाता रहेगा।"