'नरेंदर क्यों सरेंडर': 'ऑपरेशन सिंदूर' पर BJP को घेरने के लिए कांग्रेस की देशव्यापी मुहिम, पूछा- 'सिंदूर के साथ सौदा हुआ क्या?'
'ऑपरेशन सिंदूर' पर बीजेपी को काउंटर करने के लिए कांग्रेस ने 'नरेंदर क्यों सरेंडर' की देशव्यापी मुहिम चलाने का फैसला किया है। कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी की सेना की ड्रेस में तस्वीरें और ट्रंप के बयान दर्शाते हैं कि देश की विदेश नीति एक व्यक्ति की छवि चमकाने में विफल हो रही है, और क्या सिंदूर के साथ कोई सौदा हुआ है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आक्रामक तरीके से काउंटर करने के लिए कांग्रेस ने अब 'नरेंदर क्यों सरेंडर' की देशव्यापी मुहिम चलाने का फैसला किया है। इसके लिए पार्टी ने अपने राज्य और जिला संगठनों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। कांग्रेस का मानना है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद बीजेपी ने 2019 के चुनावों में इसका खुलकर प्रचार करके फायदा उठाया था, और अब उसे यकीन है कि सेना की ड्रेस में प्रधानमंत्री की फोटो, रेल टिकट में 'ऑपरेशन सिंदूर' के साथ पीएम की फोटो और प्रधानमंत्री के हालिया बयान एक बार फिर उसी दिशा में हैं।
कांग्रेस इसे देखते हुए और सेना के शौर्य का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आक्रामक तरीके से घेरती रहेगी। इसके लिए 'नरेंदर क्यों सरेंडर' को क्रोनोलॉजी के साथ गांव-गांव तक पहुंचाने की रणनीति बनाई गई है। सियासी हमले की आक्रामकता इतनी ज्यादा है कि पार्टी ने आज मोदी को 'सिंदूर का सौदागर' तक कह दिया। कांग्रेस का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का व्यापार की धमकी देकर मध्यस्थता की बार-बार बात करना और उस पर प्रधानमंत्री की चुप्पी ने बीजेपी को बैकफुट पर धकेल दिया है।
कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं
कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं है और वह 1971 के युद्ध और इंदिरा गांधी की भी याद दिलाती रहेगी। हालाँकि, पार्टी ने राज्य और जिले के नेताओं को ये भी निर्देश दिए हैं कि वे केवल वही बयान और प्रचार सामग्री इस्तेमाल करें जो केंद्र से मिले। खुद कोई ऐसी बयानबाज़ी या प्रचार सामग्री इस्तेमाल न करें, जिससे किरकिरी हो।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसी रणनीति से जुड़ा एक पोस्ट भी किया है। इसमें उन्होंने लिखा:
"हमारी विदेश नीति का एकमात्र आधार राष्ट्रहित सर्वोपरि हो। मगर, आज उसका सारा लक्ष्य एक आदमी की छवि चमकाना हो गया, इसलिए हमारी विदेश नीति विफल हो रही है। ऐसे में सवाल हैं- क्या हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर के साथ सौदा किया गया? क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति 11 बार ये कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवा दिया।"
'पापा ने वॉर रुकवा दी' जैसे सस्ते डायलॉग का खामियाजा?
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, "क्या हमें 'पापा ने वॉर रुकवा दी' जैसे सस्ते डायलॉग का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है? क्या विदेशी दौरों पर ऐसे फोटो खिंचाने की कोशिश करना जिससे लगे कि नरेंद्र मोदी लीड कर रहे हैं, इससे हमारे विदेशी मित्र नाराज हो गए हैं? क्या भारत-पाकिस्तान के बीच में हम किसी तीसरे पक्ष को शामिल करने के लिए तैयार हो गए हैं? क्या हम शांत बैठे रहेंगे और अमेरिका जैसे देश कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाएंगे?"
कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान के साथ भारत की बराबरी किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्क की बराबरी हमारे साथ की जा रही है, इसका जिम्मेदार कौन है? हमारे डेलीगेशन देश के लिए कितना माहौल बना पाए? UN, IMF, ADB, वर्ल्ड बैंक जैसे तमाम संस्थाओं में भारत का वर्चस्व था, वे आज पाकिस्तान के लिए बाहें खोल कर खड़े हैं।"