वाराणसी के नए जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने संभाला कार्यभार, बोले - "जनकल्याण और विकास मेरी प्राथमिकता"

नवागत जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वाराणसी में कार्यभार ग्रहण किया। काल भैरव व काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद कहा—विकास और योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर पहुंचाना प्राथमिकता होगी। बरेली में शुरू की गई अनूठी शिक्षा पहल रही सराहनीय।

वाराणसी।
काशी की प्रशासनिक बागडोर अब एक अनुभवी और संवेदनशील अफसर के हाथों में आ गई है। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मंगलवार को जिला कोषागार कार्यालय पहुंचकर वाराणसी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। पदभार संभालने से पहले उन्होंने बाबा काल भैरव, काशी विश्वनाथ, और संकट मोचन मंदिर में दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया।

जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनहितकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाना और विकास कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा कराना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हर ज़रूरतमंद को समय पर न्याय मिले, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सजग रहेगा।

बरेली की शिक्षा पहल बनी पहचान

सत्येंद्र कुमार की प्रशासनिक कार्यशैली में मानवीय दृष्टिकोण साफ झलकता है। बरेली में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में उन्होंने ‘स्कूल वॉलंटियर अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत वे खुद सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाते थे। उनकी इस पहल से प्रेरित होकर कई शिक्षित नागरिक भी आगे आए और स्वयंसेवक के रूप में स्कूली बच्चों की पढ़ाई में सहयोग देने लगे।


बिहार से बनारस तक का प्रशासनिक सफर

मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले से आने वाले सत्येंद्र कुमार ने अब तक महोबा, महाराजगंज और बाराबंकी जैसे जनपदों में बतौर जिलाधिकारी सेवाएं दी हैं। हर जगह उन्होंने पारदर्शिता, सुशासन और जनसुनवाई को प्राथमिकता दी है।

वाराणसी में कार्यभार ग्रहण के मौके पर सीडीओ हिमांशु नागपाल, एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम प्रोटोकॉल चंद्र प्रकाश, और सीटीओ गोविंद सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


नए डीएम से उम्मीदें बड़ी

सत्येंद्र कुमार के आने से वाराणसी के लोगों में नई उम्मीद जगी है। धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण इस शहर में प्रशासनिक कुशलता और संवेदनशीलता दोनों की दरकार है, और सत्येंद्र कुमार इन दोनों कसौटियों पर खरे उतरते हैं।