यह गाजियाबाद के नाहल गांव में हुई एक दुखद घटना का विवरण है, जिसमें नोएडा पुलिस के एक बहादुर सिपाही, सौरभ देशवाल, बदमाशों से अकेले लड़ते हुए शहीद हो गए।
गाजियाबाद के नाहल गांव में पुलिस मुठभेड़ में शहीद हुए नोएडा पुलिस कांस्टेबल सौरभ देशवाल की बहादुरी की कहानी। उन्होंने अकेले ही दर्जन भर बदमाशों का मुकाबला किया और कर्तव्य की राह पर शहीद हो गए।

- न और समय: गाजियाबाद का नाहल गांव, रात के लगभग 10:30 बजे।
- उद्देश्य: नोएडा पुलिस की एक टीम हिस्ट्रीशीटर बदमाश कादिर को पकड़ने गई थी और उसे पकड़ भी लिया था।
- हमला: जब पुलिस टीम कादिर को लेकर लौट रही थी, तो पंचायत भवन के पीछे छिपे बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर पथराव कर दिया।
- सौरभ देशवाल का शौर्य: अन्य पुलिसकर्मी बचाव के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन कांस्टेबल सौरभ देशवाल अकेले ही बदमाशों से भिड़ गए। उन्होंने दर्जन भर बदमाशों का बहादुरी से मुकाबला किया।
- शहादत: इसी दौरान बदमाशों ने फायरिंग कर दी और एक गोली सौरभ के सिर में लगी, जिससे वह जमीन पर गिर पड़े। बदमाश मौके से फरार हो गए।
- परिणाम: सौरभ को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
आगे की कार्रवाई:
- घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस हरकत में आई और डीसीपी ग्रामीण की निगरानी में बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई।
- इस टीम ने सुबह होते-होते बदमाश कादिर को एक मुठभेड़ में फिर से पकड़ लिया।
सौरभ देशवाल के बारे में:
- सौरभ देशवाल मूल रूप से शामली के बधेव के रहने वाले थे और बचपन से ही पुलिस में भर्ती होना चाहते थे।
- वह 2016 में पुलिस में भर्ती हुए थे और डेढ़ साल पहले ही उनका ट्रांसफर नोएडा पुलिस के फेज तीन थाने में हुआ था।
- साथियों के अनुसार, सौरभ एक बेहद दिलेर सिपाही थे और इसी वजह से उनकी पोस्टिंग हमेशा स्पेशल स्टाफ में रही।
- अपने नौ साल के करियर में उन्होंने अकेले ही दर्जनों बदमाशों को पकड़कर जेल भेजा था।
अंतिम बातचीत:
- ड्यूटी पर निकलने से पहले सौरभ ने अपनी पत्नी को फोन किया था और खाने-पीने के बारे में बात की थी। उनकी पत्नी को यह नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी बातचीत होगी।
पुलिस कार्रवाई में चूक:
- नोएडा पुलिस हिस्ट्रीशीटर कादिर को पकड़ने के लिए सादी वर्दी में गई थी।
- नोएडा पुलिस ने इस कार्रवाई की जानकारी गाजियाबाद पुलिस को नहीं दी थी। गाजियाबाद पुलिस को घटना की जानकारी लगभग 45 मिनट बाद मिली, जब तक सौरभ को अस्पताल पहुंचा दिया गया था।
घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति:
- गाजियाबाद का नाहल गांव, जहाँ मुठभेड़ हुई, चंबल के बीहड़ से कम नहीं है।
- गंग नहर के किनारे बसे इस गांव तक जाने के लिए आज भी पक्की सड़क नहीं है, नहर की पटरी पर टूटी-फूटी सड़क से होकर जाना पड़ता है।
- इस खराब रास्ते के कारण पुलिस को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और स्थानीय अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। बाहरी पुलिसकर्मी यहां कई बार मुश्किल में फंस चुके हैं।
यह घटना सौरभ देशवाल की बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाती है, जिन्होंने अकेले ही खतरनाक बदमाशों का सामना किया और अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह पुलिस कार्रवाई में समन्वय और सुरक्षा की चूक को भी उजागर करती है।