Indore : इंदौर में नकली नोटों का जखीरा: 1 लाख के बदले 4 लाख का ऑफर, सोशल मीडिया विज्ञापन देख पुलिस का छापा
इंदौर पुलिस ने सोशल मीडिया पर 1 लाख के बदले 4 लाख नकली नोट देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। 40 लाख के नकली नोट और दो आरोपी गिरफ्तार।

इंदौर (मध्य प्रदेश): इंदौर की पलासिया पुलिस ने सोशल मीडिया पर सक्रिय एक नकली नोटों के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 40 लाख रुपये के नकली नोट और 8 हजार रुपये की असली करेंसी जब्त की है। यह कार्रवाई पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए एक लुभावने विज्ञापन - "1 लाख रुपए लाओ और 4 लाख रुपए लेकर जाओ" - को देखने के बाद की गई।
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दरअसल, पलासिया थाने की साइबर डेस्क को सोशल मीडिया पर एक संदिग्ध विज्ञापन मिला, जिसमें 1 लाख रुपये के बदले 4 लाख रुपये के नकली नोट देने का आकर्षक ऑफर दिया जा रहा था। इंदौर पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और व्हाट्सएप के माध्यम से विज्ञापन में दिए गए नंबर पर ग्राहक बनकर संपर्क किया। सौदा तय होने के बाद, पुलिस ने जाल बिछाया और जैसे ही आरोपी तय स्थान पर पहुंचे, सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महाराष्ट्र के जलगांव निवासी प्रथमेश येवलेकर और बड़वाह निवासी दीपक कौशल के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से 500-500 रुपये के नकली नोटों के 20 बंडल बरामद किए हैं। शातिर आरोपियों ने इन बंडलों के ऊपर और नीचे असली नोट लगाए थे, जबकि बीच में नकली नोटों को छिपाकर रखा था।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडिशनल डीसीपी) राम स्नेही मिश्रा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जब्त किए गए नकली नोट "चिल्ड्रन बैंक" के हैं, जिन्हें असली नोटों जैसा दिखाने के लिए बारीकी से छापा गया था। आरोपी फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन डालकर भोले-भाले लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें अपने जाल में फंसाते थे।
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि मुख्य आरोपी प्रथमेश पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे चुका है और उसने ही दीपक कौशल को इस गोरखधंधे में शामिल किया था। पुलिस को आशंका है कि यह एक संगठित रैकेट हो सकता है और जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। फिलहाल, साइबर सेल और इंदौर क्राइम ब्रांच की मदद से इस पूरे मामले की गहन जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह ने कितने लोगों को ठगा है और नकली नोटों की सप्लाई कहां से हो रही थी।