Rampur news : आईएसआई जासूस का खुलासा, रामपुर के युवकों को पाकिस्तान भेजने का षड्यंत्र
रामपुर का आईएसआई जासूस पकड़ा गया, जिसने कई युवाओं को पाकिस्तान भेजा। पाकिस्तानी उच्चायोग का रोल भी सन्देह के घेरे में। अतंकी हमले की साजिश का भी खुलासा।

Rampur news : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार टांडा निवासी शहजाद के खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। जांच में सामने आया है कि शहजाद न केवल जासूसी में लिप्त था, बल्कि वह एक बड़े आतंकी हमले की साजिश भी रच रहा था। इसके साथ ही, उसने रामपुर के कई युवकों को पाकिस्तान भेजा था, जिसमें दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन के एक अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
रविवार को गिरफ्तारी के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किए गए शहजाद को 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एटीएस अब जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर इस पूरे नेटवर्क और साजिश की गहराई तक जाने का प्रयास करेगी।
मसालों के व्यापार की आड़ में जासूसी का जाल
शहजाद मसालों के व्यापार की आड़ में पाकिस्तान आता-जाता था। इसी दौरान वह आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे जासूसी की गतिविधियों में लिप्त हो गया। एटीएस पिछले दो महीनों से उसकी हर गतिविधि पर बारीक नजर रख रही थी। कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य ठोस सबूतों के आधार पर ही उसे मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।
रामपुर के युवकों को पाकिस्तान भेजने में पाकिस्तानी हाई कमीशन का संदिग्ध रोल
जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि शहजाद ने रामपुर के कई युवकों को पाकिस्तान भेजा था और उनके वीजा बनवाने में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात दानिश नामक व्यक्ति ने मदद की थी। सूत्रों के अनुसार, दानिश आईएसआई एजेंटों के इशारे पर काम कर रहा था। यह वही दानिश है जिसने पहले हरियाणा निवासी ज्योति मेहरोत्रा को भी पाकिस्तान भेजने का इंतजाम किया था, जो बाद में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुई थी।
परिवार और करीबियों पर खुफिया नजर, कई हुए अंडरग्राउंड
शहजाद की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां उसके परिवार के सदस्यों और करीबियों पर भी कड़ी नजर रख रही हैं। सूत्रों की मानें तो उनसे भी पूछताछ की जा सकती है, जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बीच, कुछ लोगों के अंडरग्राउंड होने की भी खबरें हैं, जिससे संदेह और गहरा गया है।
आतंकी हमले की साजिश रच रहा था शहजाद
खुफिया एजेंसियों को पहले से ही भनक लग गई थी कि शहजाद किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा है। इसी सूचना के आधार पर उसकी निगरानी शुरू की गई थी और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब एटीएस उन युवकों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है जिन्हें शहजाद ने पाकिस्तान भेजा था।
तस्करी के रास्ते संपर्क, व्हाट्सएप पर बातचीत
शहजाद का आईएसआई एजेंटों से संपर्क तस्करी के दौरान हुआ था। इसके बाद उनके बीच व्हाट्सएप के जरिए गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान होने लगा। आईएसआई एजेंट उससे संवेदनशील जानकारियां जुटाकर किसी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
तस्करी के काम में युवाओं को जोड़ा, वीजा भी दिलाया
धीरे-धीरे शहजाद ने रामपुर के कुछ युवाओं को कॉस्मेटिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और महिलाओं के कपड़ों की तस्करी के काम में अपने साथ जोड़ा। हैरानी की बात यह है कि इन युवाओं के वीजा भी आईएसआई एजेंटों की मदद से हासिल किए गए थे।
जासूसी और अलगाववादी गतिविधियों के लिए फंडिंग की आशंका
एटीएस को संदेह है कि शहजाद पाकिस्तानी एजेंटों से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल भारत में जासूसी करने वाले अन्य लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचाने और अलगाववादी व विध्वंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रहा था।
उसके मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिससे एजेंटों से लेनदेन की रकम का ब्योरा मिल सके। एटीएस जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले बाकी एजेंटों और इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश करेगी। इस घटना ने एक बार फिर सीमा पार से जारी आतंकी साजिशों और उसमें स्थानीय लोगों की मिलीभगत के खतरे को उजागर किया है।