Israel-Iran War : पूर्वांचल के श्रमिकों का दर्द - 'तीन घंटे पर बज रहा सायरन, बंकर में छिपकर बचा रहे जान'

इज़राइल-ईरान युद्ध में पूर्वांचल के 2000 से अधिक श्रमिक चरण। तीन घंटे पर सायरन बजने और बंकर में छुपकर जान बचाने का दर्द। सीएम योगी और विदेश मंत्री से सुरक्षित वापसी की गुहार।

Israel-Iran War : पूर्वांचल के श्रमिकों का दर्द - 'तीन घंटे पर बज रहा सायरन, बंकर में छिपकर बचा रहे जान'

Israel- Iran War News : इज़राइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध ने पूर्वांचल में बैठे लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस संघर्ष क्षेत्र में फंसे दो हज़ार से अधिक भारतीय श्रमिक, जिनमें ज़्यादातर पूर्वांचल से हैं, अपने परिवारों को अपनी भयावह स्थिति बता रहे हैं। उन्हें लगातार सायरन और मिसाइल हमलों के डर के बीच रहना पड़ रहा है।


लगातार सायरन और बंकरों में जीवन

श्रमिकों ने अपने घरवालों को बताया कि इज़राइल में दिन में आठ बार तक सायरन बजता है, और सायरन बजने के बाद उन्हें बंकरों में छिपने के लिए केवल दस मिनट मिलते हैं। इज़राइली सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जैसे ही हमले की सूचना मिले, तुरंत बंकरों में चले जाएँ।

श्रमिकों के अनुसार, सायरन के साथ ही उनके मोबाइल पर पांच से छह बार अलार्म बजता है और एक फोटो आती है, जिसमें यह दिखाई देता है कि ईरान की मिसाइलें कहाँ गिरने वाली हैं। यदि कोई उस क्षेत्र में हो या उसके पास हो, तो उसे 10 मिनट के भीतर बंकर में जाने को कहा जाता है। वे बताते हैं कि उनका अधिकतर समय बंकर में ही गुज़रता है। आठ से दस घंटे की शिफ्ट के दौरान भी, अगर अलार्म बजता है, तो उन्हें तुरंत काम छोड़कर बंकर में जाना पड़ता है।

एक श्रमिक ने बताया, "हम रोज़ 250 मिसाइलों की आवाज़ सुनते हैं। कब हमला कहाँ होगा, इसकी जानकारी 10 मिनट पहले मिलती है।"


आसमान में दिखते आग के गोले, फिर भी सुरक्षित

श्रमिकों ने यह भी बताया कि ईरान की ओर से लगातार गोलाबारी हो रही है। आसमान में आग के गोले नज़र आते हैं और मिसाइलें आपस में टकराकर नष्ट होती दिखाई देती हैं, जिससे ऊपर से आग के गोले गिरते हैं। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइल ईरान की मिसाइलों को हवा में ही मार गिरा रहा है, जिससे उन्हें ज़्यादा नुकसान नहीं हो रहा है। इज़राइली सरकार ने रेड अलर्ट जारी किया है, और श्रमिक भारतीय राजदूत के संपर्क में हैं, जो किसी भी सहायता के लिए तैयार रहते हैं।


ईरान में भी फंसे भारतीय नागरिक

इज़राइल के साथ-साथ, कुछ पूर्वांचल के लोग श्रद्धालुओं के तौर पर जियारत के लिए ईरान भी गए थे। युद्ध की स्थिति के कारण उनकी वापसी की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इन फंसे हुए लोगों के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विदेश मंत्री और संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वे ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाएँ।


2024 में गए थे श्रमिक, मिल रहा अच्छा वेतन

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के अंतर्गत 2024 में पूर्वांचल से 2000 से अधिक श्रमिक इज़राइल गए थे, जिनमें कंस्ट्रक्शन सेक्टर के साथ अन्य श्रमिक भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से कुल 5952 कामगारों को लेकर प्रदेश सरकार लगातार समन्वय एजेंसी के संपर्क में है। मिसाइल हमलों के बीच श्रमिकों को बंकरों और कार्यस्थलों में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालाँकि, वे ओवरटाइम के साथ 2.5 लाख रुपये महीना कमा रहे हैं।

इज़राइल गए पूर्वांचल के श्रमिक (अनुमानित संख्या):

  • आजमगढ़: 1200 श्रमिक
  • मऊ: 400 श्रमिक
  • बलिया: 275 श्रमिक
  • वाराणसी: 76 श्रमिक
  • जौनपुर: 60 श्रमिक
  • भदोही: 12 श्रमिक
  • मिर्जापुर: 6 श्रमिक

यह स्थिति दिखाती है कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय श्रमिकों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और कैसे वे अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने परिवारों का पेट पाल रहे हैं।