सफलता : सोनभद्र का 1.4 अरब साल पुराना फॉसिल्स पार्क यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर सूची में शामिल, पर्यटन को मिलेगी रफ्तार
सोनभद्र का 1.4 अरब साल पुराना सलखन फॉसिल्स पार्क यूनेस्को की संभावना विश्व धरोहर सुचि में शामिल। ये सफ़लता पूर्वाचल में पर्यटन को नई रफ़्तार देगी।

Sonbhadra Salkhan Fossils Park News : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित 1.4 अरब साल पुराना सलखन फॉसिल्स पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहरों की संभावित सूची में शामिल हो गया है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर पर्यटन के क्षेत्र में, क्यों कि इससे इस अद्वितीय स्थल को वैश्विक पहचान मिलेगी और क्षेत्र में पर्यटन विकास को गति मिलेगी।
क्या है यह सफलता और इसका महत्व?
यूनेस्को ने आधिकारिक तौर पर सलखन के फॉसिल्स पार्क को धरोहरों की संभावित सूची में शामिल करने की सूचना अपनी वेबसाइट और एक्स हैंडल पर जारी कर दी है। अब विश्व धरोहर समिति इसका मूल्यांकन करेगी और अंतिम निर्णय लेगी। यदि इसे विश्व धरोहर घोषित किया जाता है, तो यह पार्क पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाएगा।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के डॉ. राणा प्रवीन, जो यूनेस्को प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, ने बताया कि भारत की ओर से यूनेस्को को देश के 63 स्थलों को विश्व धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। इनमें 50 सांस्कृतिक श्रेणी के, 10 प्राकृतिक श्रेणी के और 3 मिश्रित श्रेणी के स्थल हैं। सलखन का फॉसिल्स पार्क प्राकृतिक श्रेणी में रखा गया है और पूरे उत्तर प्रदेश से इस श्रेणी में यह एकमात्र स्थल है।
वर्तमान में, भारत के कुल 43 स्थलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है, जिनमें से सात प्राकृतिक श्रेणी के हैं। सलखन के अलावा, वाराणसी के ऐतिहासिक घाट और सारनाथ को भी सांस्कृतिक श्रेणी में नामांकित किया गया है।
डेढ़ साल से चल रहा था प्रयास
सलखन फॉसिल्स पार्क को विश्व धरोहरों की संभावित सूची में शामिल कराने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से प्रयास चल रहे थे। पिछले साल लखनऊ से आई पर्यटन विभाग की टीम ने इसका विस्तृत अध्ययन किया था, जिसके बाद एक डोजियर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया था। यह सूची में शामिल होना उन प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
इस कदम से सोनभद्र और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।