Kasganj : कासगंज में मदर्स डे पर टूटा दुखों का पहाड़, सड़क हादसे में मां ने खोए दो बेटे और भाई
कासगंज में मदर्स डे के दिन एक बुजुर्ग मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सड़क हादसे में उनके दो बेटों और भाई की दर्दनाक मौत हो गई।

दो जवान बेटे और भाई की मौत - फोटो : सम्पन्न भारत न्यूज़
कासगंज : कासगंज में मदर्स डे का दिन एक बुजुर्ग मां के लिए कभी न भूलने वाली त्रासदी लेकर आया। अंगूरी देवी नामक इस मां ने एक सड़क हादसे में अपने दो जवान बेटों और अपने भाई को खो दिया। इस दुखद खबर के मिलते ही बेचारी मां बेसुध हो गईं। आठ साल पहले अपने पति को बीमारी के कारण खोने के बाद, उनके बेटे ही उनके जीने का एकमात्र सहारा बचे थे।
विलाप करते परिजन - फोटो : सम्पन्न भारत न्यूज़
अलीगढ़ जिले के थाना गांधी पार्क स्थित आंबेडकर कॉलोनी छावनी की रहने वाली अंगूरी देवी के पति अतर सिंह का आठ साल पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनके जीवित रहते ही उनकी दो बेटियां, अनीता और सीमा, शादी करके अपने-अपने घर चली गई थीं। पिता की मौत के बाद, अंगूरी देवी और उनकी तीसरी बेटी गीता की जिम्मेदारी उनके दो बेटों, रविंद्र और गजेंद्र, पर आ गई थी। दोनों भाइयों ने कड़ी मेहनत मजदूरी करके अपनी बहन गीता की शादी करवाई थी। अपनी मां और बहन की जिम्मेदारी निभाने के लिए दोनों भाइयों ने अपनी शादी तक नहीं की थी। पड़ोस में रहने वाले चेतन और अनिल बताते हैं कि दोनों भाई बहुत सीधे और सरल स्वभाव के थे।
दुर्भाग्यवश, यही सीधे-सादे और मेहनती बेटे अपनी मां को वापस घर ले जाने के दौरान काल के गाल में समा गए। अंगूरी देवी शुक्रवार को अपने मायके, सोरोंजी के गंगागढ़ गांव में अपनी बीमार भतीजी सलोनी को देखने गई थीं। गांव प्रहलादपुर पर बस से उतरते समय उनके पैर में चोट लग गई थी। इसी कारण, उनके दोनों बेटे शनिवार को उन्हें वापस बुलाने के लिए आ रहे थे।
इस दर्दनाक हादसे में अंगूरी देवी ने न केवल अपने दो बेटों को खोया, बल्कि उनके भाई रामजीत की भी मौत हो गई। रामजीत दिल्ली के मंडावली में मजदूरी करते थे और अपनी बीमार बेटी को देखने के लिए शनिवार को दिल्ली से गांव आ रहे थे। उनके भाई चरन सिंह ने बताया कि वह अपने भांजों के साथ आने के लिए सोरों गेट पर रुके थे। रामजीत अपने पीछे चार बच्चे छोड़ गए हैं - बेटी सलोनी (18), बेटे वीनेश (14), हरिओम (17) और अरुण (10)। पिता की मौत के बाद इन चारों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। रामजीत की पत्नी संगीता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार अपने पति को याद कर बेहोश हो रही थीं, और परिवार की महिलाएं उन्हें ढांढस बंधा रही थीं।
कासगंज में पिछले 11 दिनों में यह नौवीं मौत है जो सड़क हादसे में हुई है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद घटना का संज्ञान लिया है और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
यह हृदयविदारक घटना मदर्स डे के मौके पर एक मां पर टूटे दुखों के पहाड़ को दर्शाती है। अंगूरी देवी ने न केवल अपने पति को खोया, बल्कि अब अपने उन दो बेटों को भी खो दिया जो बुढ़ापे में उनकी लाठी थे। यह त्रासदी अकेलेपन और सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी सामूहिक लापरवाही पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। 'संपन्न भारत न्यूज़' इस अपार दुख की घड़ी में अंगूरी देवी और उनके परिवार के साथ खड़ा है और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता है।